उच्चतम न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट से जुड़ी जानकारी का खुलासा करने का शुक्रवार को एक और मौका दिया।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने अारबीआई को आरटीआई के तहत बैंकों से संबंधित सूचना का खुलासा करने के लिए अपनी नीति की समीक्षा करने के आदेश दिया और कहा कि कानून के तहत यह उसका कर्तव्य है।
न्यायालय ने कहा,“ हम आरबीआई को चेतावनी देते हैं कि शीर्ष न्यायालय के आदेश का उल्लंघन अदालत की गंभीर अवमानना मानी जायेगी।”
उल्लेखनीय है कि आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश और सुभाष ने आरटीआई कानून के तहत सूचना मुहैया कराने के शीर्ष न्यायालय के आदेश की अवहेलना के मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरटीआई के तहत सूचना मुहैया नहीं कराने की आरबीआई की नीति उसके वर्ष 2015 के आदेश का उल्लंघन है।