विडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से जी0एस0टी0 परिषद् की सम्पन्न बैठक में बिहार जैसे गन्ना उत्पादक राज्यों के किसानों को राहत देने हेतु चीनी पर सेस लगाने एवं डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वालों को कर में 2 प्रतिशत राहत देने के संबंध में मंत्री समूह का गठन करने का निर्णय लिया गया। कर विवरणी को दाखिल करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने एवं जी0एस0टी0 नेटवर्क का पूर्ण सरकारीकरण करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक के निर्णयों से अवगत कराते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चीनी पर 3 रूपये प्रति किलो की दर से सेस लगाने के प्रस्ताव को अंतिम स्वरूप देने हेतु मंत्री समूह का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे छः हजार करोड़ रू0 की प्राप्ति होगी और बिहार जैसे गन्ना उत्पादक राज्यों के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
मालूम हो कि विभिन्न राज्यों में गन्ना किसानों का 19 हजार करोड़ रू0 बकाया है। वर्तमान में चीनी उत्पादन का लागत प्रति किलो 40 रू0 है जबकि विभिन्न राज्यों में इसका बाजार मूल्य प्रति किलो 29-30 रू0 है।
श्री मोदी ने बताया कि डिजिटल भुगतान करने वालों को कर में 2 प्रतिशत रियायत एवं एक ट्रांजेक्शन पर अधिकतम 100 रू0 प्रोत्साहन देने संबंधी प्रस्ताव को भी मंत्री समूह द्वारा अंतिम रूप दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा तथा बिहार के लोग काफी संख्या में लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि बैठक में कर विवरणी को दाखिल करने की प्रक्रिया सरलीकृत करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे बिहार के करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में उन्हें एक माह में 3 विवरणी दाखिल करने पड़ते हैं जबकि नई व्यवस्था में माह में मात्र एक ही विवरणी दाखिल करना होगा। इस हेतु फाॅर्म को भी सरलीकृत किया जायेगा। कर भुगतान हेतु छोटे एवं बड़े करदाताओं के लिए अलग-अलग तिथियाँ होंगी। इस व्यवस्था को छः माह के भीतर लागू किया जायेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जी0एस0टी0 नेटवर्क के पूर्ण सरकारीकरण का निर्णय लिया गया। विदित हो कि जी0एस0टी0एन0 माल एवं सेवा कर प्रणाली को आई0टी0 का आधारभूत ढाँचा प्रदान करती है तथा इसके द्वारा महत्वपूर्ण आंकड़ों का संधारण किया जाता है। यह एक गैर सरकारी कंपनी है, जिसमें सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस निर्णय के उपरान्त जी0एस0टी0एन0 में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसमें केन्द्र की 50 प्रतिशत और राज्यों की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल होगी।