राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गौ रक्षा के नाम पर गुजरात के ऊना में दलितों के खिलाफ हिंसक घटनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक को जिम्मेवार ठहराते हुए मांग की कि इस मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में संवेदनशीलता उत्पन्न करने के लिए सबसे पहले केन्द्रीय मंत्रियों के लिए गौ पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए ।
श्री यादव ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में कहा कि स्वयं श्री मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा आरएसएस के कार्यकर्ता इस तरह की परिस्थिति के लिए पूरी तरह जिम्मेवार है । उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव और वर्ष 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ‘पिंक रेवोलुशन’ के नाम पर भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके कारण इस मामले को लेकर समाज के विभिन्न वर्गो के बीच तनाव उत्पन्न हुआ है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी गौ रक्षा के नाम पर उकसाने वाले भाषण देकर समाज में तनाव उत्पन्न किया । उन्होंने कहा कि जिस तरह से चमड़ा उद्योग से जुड़े दलितों पर तथाकथित घोषित गौ रक्षा दल हमला कर रहे है, यह भाजपा नेताओं की ओर से इस मामले को लेकर फैलाये गये तनाव का ही परिणाम है ।
श्री यादव ने कहा कि गौ रक्षा मामले पर केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं में संवेदनशीलता लाये जाने की आवश्यकता है । इसके लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी को केन्द्रीय मंत्रियों के लिए गौ पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए । श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी समाज में फिर से ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को दलित , पिछड़े और आदिवासियों पर लादना चाह रहे हैं, जिसे किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि सामाजिक ढ़ांचे में इस तरह की पुनरावृति को पुरजोर विरोध किया जायेगा । उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इस मामले पर जहर उगलते रहते है ।