सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले में स्वत:संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. अदालत के इस कदम से नीतीश सरकार मुश्किल में पड़ सकती है.
अदालत ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी करके पूछा है कि इस मामले में जांच की अद्यतम स्थिति क्या है वह बताये.
कोर्ट ने साथ ही टाटा इंस्टिच्यूट आफ सोशल साइंसेज( TISS) को भी नोटिस जारी किया है. टीस ने इस मामले में सोशल आडिट की थी जिससे खुलासा हुआ था कि वह नियमित रूप से लड़कियों को यौन शोषण होता है.
साथ ही अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि शोषण की शिकार लड़कियों की मार्फ्ड तस्वीर समेत कोई भी तस्वीर ने दिखायी या छापी जाये.
गौरतलब है कि बालिका गृह में नियमित रूप से 34 बच्चियों का यौन शोषण होता रहा. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य सरकार ने जांच क सीबीआई को सौंप दी थी. इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोग गिरफ्तार किये जा चुके है. पीड़ित लड़कियों ने कोर्ट में 164 के बयान के तहत कहा है कि उनके साथ नियमित रूप से यौन उत्पीड़न होता रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के इस दखल के बाद तेजस्वी यादव को काफी राहत हुई होगी क्योंकि वह लगातार मांग करते रहे हैं कि इस मामले की सीबीआई जांच तो हो ही साथ ही इस मामले की मानिटरिंग सुप्रीम कोर्ट खुद करे.
सुप्रीम कोर्ट के इस हस्तक्षेप के बाद अब नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.