राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कुछ मीडिया घरानों पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि वे भाजपा के प्रचारक बन बैठे हैं और बिहार को साजिशन बदनाम करने में लगे हैं.
लालू पसाद ने चेतावनी दी है कि ऐसी पत्रकारिता से पूरे पत्रकार समाज की विश्वसनीयता दांव पर लगी है. लालू प्रसाद ने अफने फेसबुक पेज पर एक लिंक शेयर किया है जिसका शीर्षक है-Is there indeed ‘Maha Jungle Raj’ in Bihar? Time for media to introspect! इस न्यूज में नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के साथ बताया गया है कि देश में सर्वाधिक अपराध भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश में होता है. वहां रेप की सबसे ज्यादा घटना होती है.
बिहारी और बिहार सरकार को बदनाम करने के लिए कुछ बीजेपी समर्थित मीडिया संस्थान सिर्फ गलत खबरें दिखाते ही नहीं अपितु उसका प्रचार करते हैं। जिस तरह बाजार में किसी प्रॉडक्ट को अग्रेसिव मार्केटिंग करके बेचा जाता है उसी तरह बिहार सरकार के खिलाफ साजिशन दुर्भावनापूर्ण एवं नकारात्मक खबरें बेचना एक नया व्यापार बन गया है।
लालू प्रसाद ने लिखा है कि कुछ लोग ऐसा करके बिहार चुनाव में बुरी तरह परास्त गठबंधन के रहनुमा की आँखों में तैरना चाहते है।
लालू ने लिखा ऐरकंडिशन केबिनों में बैठे लोग बिहार की बहुसंख्यक न्यायप्रिय जनता को नहीं समझते , नतीजा स्वंय को विद्वान् समझ अपना एजेंडा उन पर थोपना चाहते है। उनके ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला सिवाय अपनी विश्वसनीयता खोने के अलावा।
बिहार में जिस तरह अपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई होती है वैसी कहीं नहीं होती, कोई भी अपराधी बचा नहीं है, कानून अपना काम करता है।
जिस तरह अच्छी और नकली दवाइयां होती हैं। उसी तरह अच्छा और गलत मीडिया भी होता है। मीडिया का एक वर्ग जो पत्रकारिता की सारी शिक्षायें एवं सारे सिद्धांत भूलाकर एक विशेष विचारधारा और दल विशेष की स्तुति करता नज़र आ रहा है, वह याद रखे कि उनके पत्रकारिता धर्म के तिलांजली देने के कारण पूरा पत्रकार वर्ग ही अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है |
बिहार चुनाव के नतीज़ों से पहले के एग्जिट पोल कौन भुला है, फिर भी ये सबक नहीं सीखते। आश्वस्त रहें, बिहार की सामाजिक न्यायप्रिय एवं प्रगतिशील जनता आपके निर्धारित अजेंडे के भरम में नहीं आने वाली। सनसनी फैलाना, छोटी सी घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना, एकतरफा रिपोर्टिंग करना और कुछ सरकारों की खास एवं महत्वपूर्ण घटनाओं पर चुप्पी साध लेना, माफ़ कीजिएगा, ऐसा करने से पत्रकारिता का धर्म जल्दी ही एक पेशा नजर आने लगेगा |
सबका जो पक्ष हो खुलकर दिखाओ पर एक ज्वलंतशील मुद्दे पर लम्बी चुप्पी और दूसरे पर मेज थपथपाते हुए ऐसा आचरण करना मानो वो ही सर्वज्ञाता हो। समय आ गया है ऐसे मीडिया घराने आत्ममंथन एवं चिंतन करें