भारतीय जनता पार्टी की कल से नई दिल्ली में शुरू हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के संबंध में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसमें बिहार विधान चुनाव में पार्टी की पराजय पर भी मंथन हो सकता है।
बैठक के पहले दिन शनिवार को सुबह पार्टी पदाधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसके बाद शाम चार बजे कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम बैठक को संबोधित करेंगे। श्री शाह के गत दिसंबर में फिर से पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। पार्टी कार्यकारिणी की पिछली बैठक गत वर्ष अप्रैल की शुरुआत में बेंगलूर में हुई थी। करीब 11 महीने बाद हो रही इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार, गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन और हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन से उत्पन्न स्थिति, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय की घटनाओं सहित विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। साथ ही बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव सहित दो-तीन प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रवाद और राष्ट्रद्रोह को लेकर चल रही बहस को देखते हुए भाजपा प्रखर राष्ट्रवादी पार्टी के रूप में दिखना चाहती है। बैठक में इस संबंध में भी विचार विमर्श हो सकता है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से असम में पार्टी की संभावनायें सबसे ज्यादा मजबूत हैं।