बिहार भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की शराब इकाइयों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने के फैसले को विपक्ष की जीत करार देते हुये आज कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के दबाव के आगे झुकते हुये शराब इकाइयों को बंद करने का फैसला किया है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा तथा सहयोगी दलों के दबाव में मुख्यमंत्री को आखिरकार झुकना पड़ा और शराब इकाइयों को बंद करने का फैसला करना पड़ा। यह विपक्ष की जीत है, जिसके फलस्वरूप वित्त वर्ष 2017-18 में शराब की 21 फैक्ट्रियों के लाइसेंस का नवीकरण अब नहीं होगा। श्री मोदी ने मुख्यमंत्री से आगामी 21 जनवरी को मानव-श्रृंखला बनवाने से पहले नये शराबबंदी कानून के तालिबानी प्रावधानों को समाप्त करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल की मंगलवार को राजगीर में हुई बैठक में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा-24 में राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों के आलोक में अनाज आधारित आसवनी से ई०एन०ए० निर्माण, विदेशी शराब विनिर्माणशाला/बोटलिंग प्लांट की अनुज्ञप्ति का वित्तीय वर्ष 2017-18 से नवीकरण नहीं करने की मंजूरी दी गई है। राज्य में शराब की ऐसी 21 इकाइयां हैं, जिनके लाइसेंस का नये वित्त वर्ष में नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। हालांकि इथेनॉल बनाने वाली छह इकाई है, जिन पर सरकार का यह निर्णय लागू नहीं होगा।