भाजपा कोटे से हाल ही में राज्य सभा सांसद बने जी मीडिया के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने अपने प्रतिद्वंद्वी एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का बैन लगाए जाने को न सिर्फ सही ठहराया है बल्कि उस पर स्थाई बैन की वकालत की है.
एनडीटीवी पर बैन के उनके पास अनेक तर्कों में से एक तर्क यह है कि ”UPA काल में Zee पर प्रतिबन्ध की बात चली थी तब NDTV, बाकि तथाकथित बुद्धिजीवीयों ने मौन धारण करा था. उन्होंने ये बात ट्वीट करके कही है.
भाजपा कोटे से राज्यसभा सांसद हाल ही में बने सुभाष चंद्र ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा, ”NDTV पर एक दिवसीय प्रतिबन्ध नाइंसाफी है, यह सजा बहुत कम है! देश की सुरक्षा से खिलवाड़ के लिए उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाना चाहिए था। मेरा तो यह भी विश्वास है की अगर NDTV न्यायालय में जाए तो उसे वहां से भी फटकार ही मिलेगी।” चंद्रा ने यूपीए शासन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जी पर प्रतिबंध की बात चली थी तो बुद्धिजीवियों ने मौन साध लिया था।
उन्होंने लिखा, ”UPA काल में Zee पर प्रतिबन्ध की बात चली थी तब NDTV, बाकि तथाकथित बुद्धिजीवीयों ने मौन धारण करा था, Editors Guild भी चुप्पी साधे हुआ था। पर आज गलत को गलत कहने पर, कुछ लोग आपातकाल कह रहे है! क्या देश की सुरक्षा का कोई भी महत्त्व नहीं?
गौरतलब कि सूचना प्रसारण मंत्रालय के पैनल ने पठानकोट हमले की कवरेज के चलते NDTV इंडिया पर एक दिन के लिए नौ नवंबर को बैन लगाया है। सरकार के इस कदम की काफी आलोचना हो रही है। कई लोग इसे आपातकाल बता रहे हैं। चैनल का कहना है कि उसकी कवरेज सबसे संतुलित थी।