बाहुबली नेताओं को शरण देने में भाजपा गठबंधन ने लगता है बाजी मार ली है. पिछले दिनों जहां ढाका के विधायक पवन जायसवाल भाजपा में शामिल हो गये तो आज जद यू के विधान पार्षद हुलास पांडे एलजीपी में शामलि हो गये हैं.
इतना ही नहीं खबर तो यहां तक है कि भ्रष्ट तरीके से मेडिकल में प्रवेश करा कर डाक्टर बनाने के लिए एक समय बदनाम रहे रंजीत डॉन की पत्नी को भी एलजेपी में शामिल कर लिया गया है.
गौरतलब है कि हुलास पांडे और पवन जायसवाल पर कई केस रहे हैं. वैसे तो कोई राजनीतिक पार्टी बाहुबलियों की शरणगाह बनने में पीछे नहीं रही है लेकिन भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने ऐसे समय में इन नेताओं को शामिल किया है जब वह लालू नीतीश के मिलन को जंगल राज की वापसी के तौर पर प्रचारित कर रही है.
हुलास पांडे को लोजपा ने स्थानीय निकाय की आरा विधान परिषद सीट का उम्मीदवार बनाया है. आरा सीट राजद-जदयू गठबंधन में राजद के पास चली गई है. ऐसे में जद यू के विधायक रहे हुलास का टिकट कटना तय था. दूसरी तरफ रंजीत डॉन की पत्नी तृप्ति के बारे में खबर है कि एलजेपी उन्हें नालंदा से विधान परिषद के स्थानीय निकाय चुनाव में उतार रही है.
याद रहे कि रंजीत डान के ऊपर आरोप लगे थे कि उन्होंनेे फर्जी तरीके अपना कर छात्रों को मेडिकल कालेज में एडमिशन दिलाने के लिए करोड़ो रुपये की उगाही की थी. इस मामले में उसे जेल भी जाना पड़ा था. इसके बाद रंजीत ने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था. आम लोगों को पता है कि रंजीत की छवि के चलते भले ही वह चुनाव मैदान में न उतर सकें लेकिन विधानपरिषद चुनाव में पैसों के खेल में रंजीत काफी माहिर माने जाते हैं.
जबकि ढ़ाका से निर्दलीय विधायक पवन जायसवाल भाजपा में शामिल होन के बाद विधान सभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार बनाये जायेंगे.