विपक्षी बेंच पर बैठ कर ट्रेजरी बेंच (सत्ता पक्ष) की संभावना की उम्मीद पाले भाजपा नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने जबरदस्त झटका दिया है। किशनगंज में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में स्पष्ट रूप से तय हो गया कि नीतीश कुमार के प्रति भाजपाई नरमी अब और नहीं चलेगी। भाजपा को नीतीश कुमार पर भी सीधा अटैक करना होगा।
वीरेंद्र यादव
नीतीश कुमार की नयी सरकार के गठन के बाद भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि लालू यादव के साथ नीतीश कुमार का गठबंधन ज्यादा नहीं चलेगा। साल-डेढ़ साल में सरकार गिर जाएगी और फिर नीतीश भाजपा के साथ आने को विवश हो जाएंगे। यही कारण है कि पिछले डेढ़ वर्षों में भाजपा नीतीश पर सीधा हमले करने के बजाय लालू यादव के खिलाफ ज्यादा हमलावर रही और यही बताने की कोशिश करती रही कि बिहार की जो ‘बदनामी’ हो रही है, वह लालू यादव के कारण हो रही है, लालू यादव की कार्यशैली के कारण हो रही है। समय-समय पर भाजपा नेता नीतीश कुमार को भाजपा के साथ आने का परामर्श भी देते रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, किशनगंज में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी नेताओं ने ‘नीतीश नरमी’ की जगह पर नीतीश के खिलाफ आक्रामक होने की रणनीति पर चर्चा की। नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब दो साल बचे हैं। केंद्रीय राजनीति काफी तेजी से करवट बदल रही है। वैसी स्थिति में महागठबंधन के खिलाफ ‘दुविधा और दोहरी नीति’ खतरनाक हो सकती है। इसलिए लालू और नीतीश दोनों के खिलाफ पार्टी आक्रामक रहे, ताकि कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति नहीं रहे। पार्टी अध्यक्ष नित्यानंद राय का मानना है कि गठबंधन के खिलाफ पार्टी समान रूप से हमलावर रहेगी। यह देखना रोचक होगा कि नीतीश नरमी के हिमायती रहे भाजपा नेता नीतीश के खिलाफ कितना तथ्य जुटा पाते हैं।