भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुये कहा है कि वहां गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया था और राज्य की कांग्रेस सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही थी।
जेटली ने जारी किया पत्र
श्री जेटली ने पार्टी की ओर से जारी एक लेख में विस्तार से उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के कारणों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए पुख्ता तथ्य मौजूद हैं कि वहां विनियोग विधेयक गिर गया था। ऐसे हालात में राज्य सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए था। इस स्थिति से दो और संकट पैदा हुये। पहला यह कि एक अप्रैल 2016 से व्यय की अनुमति देने वाला विनियोग विधेयक पारित नहीं हुआ और दूसरा अगर यह विधेयक गिर गया था तो सरकार का 18 मार्च के बाद बने रहना असंवैधानिक था।
उन्होंने कहा कि 18 मार्च से 27 मार्च तक राज्य की कांग्रेस सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही थी। अब यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि संविधान के अनुच्छेद 357 के तहत कदम उठाए जाएं और एक अप्रैल से राज्य को व्यय की अनुमति मिल सके। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिया था लेकिन उससे एक दिन पहले ही रविवार को वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।