उच्चस्तरीय सूत्रों की मानें तो भाजपा ने नीतीश कुमार को कहा है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नहीं होंगे पर जद यू चाहता है कि भाजपा पब्लिकली इसकी घोषणा करे.
नौकरशाही डॉट इन को पता चला है कि जद यू- भाजपा गठबंधन के लिए यही मुद्दा तनाव की वजह बना हुआ है. क्योंकि भाजपा मानती है कि मोदी के नाम से उसे वोट मिलेंगे जबकि दूसरी तरफ जद यू को इस बात का विश्वास है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी से दूर रख कर उसे बड़ा फायदा होगा.
दर असल भाजपा इस मुद्दे को अपने स्वाभिमान से जोड़ कर देख रही है. वह मजबूरी में मोदी को पीएम उम्मीदवारी से दूर रखना तो चाहती है पर इस बात को सार्वजनिक घोषणा करने से गुरेज कर रही है क्योंकि उस लगता है कि फिलहाल इसकी घोषणा करना अपमानजनक है.
दूसरी तरफ जद यू यह मान रहा है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार न बनाये जाने की सार्वजनिक घोषणा न करना खुद जद यू के लिए मुश्किल खड़ी करेगी और वह मीडिया और जनता को इस मुद्दे पर कोई जवाब देने की स्थिथि में नहीं होगा.
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यह स्थिति दोनों दलों के लिए संकट से भरी है. सूत्रों का कहना है कि अगर दोनों दलों ने इस संकट के निदान का कोई बीच का रास्ता न निकाला तो भाजपा-जद यू का 17 साल पुराना गठबंधन तूट सकता है.
इस बीच भजपा के दो वरिष्ठ स्थानीय नेता सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव ने मुख्यमंत्री के बुलावे पर उनसे मिलने जाने से इनकार करते हुए कहा है कि जिस मुद्दे पर नीतीश बात करना चाहते हैं उस मुद्दे पर हमारे केंद्रीय नेता राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी बात कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें इस मुद्दे पर बात करने की जरूरत है.