जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने कहा है कि भारत के सबसे बड़े पब्लिक फ्रॉड ‘नोटबंदी’ की कलई अब खुल कर सामने आने लगी है नतीजे में अब तक 22 करोड़ दिहाड़ी मजदूर और दो करोड़ से ज्यादा छोटे कारोबारी तबाह हो चुके हैं.
अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि नोटबंदी का सीधा लाभ कार्पोरेट धनवानों को बैंको के सैकड़ों करोड़ डकारने के रूप में मिला है. उन्होंने कहा कि कार्पोरेट घरानों ने बैंको के हजारों करोड़ दबा लिये जिसके कारण बैंकों के पास नोटों की कमी हो गयी, इसी कमी को पूरा करने के लिए नोटबंदी की गयी ताकि नये नोट छाप कर बैंकों के नुकसान को कम किया जा सके.
अशफाक रहमान ने कहा कि देश के मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास और गरीबों के पैसों को बैंकों में कैद करके करोड़ों घरों को तबाह कर दिया गया है जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि आम जनता के पास अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे नहीं हैं जिसका परिणाम यह हुआ है कि छोटे उद्योगों की हालत खस्ता हो गयी है और लाखों छोटे उद्योग बंद होने के कगार पर आ गये हैं.
अशफाक रहमान ने नोटबंदी को फाइनांसियल फ्रॉड बताते हुए कहा कि नये नोट जब बैंकों में आ जायेंगे तो इससे फिर बड़े कार्पोरेट घरानों को हजारों हजार करोड़ लोन दिया जायेगा और वे फिर आने वाले वर्षों में डिफालट करके पैसे पचा जायेंगे. अशफाक रहमान ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के चालीस दिन में भारतीय अर्थव्यस्था चौपट हो गयी है जिसके भयावह परिणाम अब दिखने लगे हैं.
भाजपा का वोटर समूह ज्याद प्रभावित
अशफाक रहमान ने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा प्रभाव खुद भाजपा के वोटबैंक कहे जाने वाले छोटे और मंझोले बनिया-व्यापारियों को हुआ है और अब वह तबका भाजपा के छल को समझ चुका है जो आने वाले दिनों में उसे सबक सिखायेगा.