दैनिक भास्कर के आगमन से बाकी अखबारों में मची भगदड़ का असर बिहार डायरी के प्रकाशन पर पड़ता दिख रहा है. चूंकि पत्रकार इधर से उधर जाने वाले हैं इसलिए उनके नये पते ठिकाने भी बदलेंगे.
वीरेंद्र यादव
दिसंबर का महीना सरकारी प्रकाशन विभाग के महत्वपूर्ण होता है। इसी महीने में विभागीय डायरी का भी प्रकाशन होता है। बिहार में बिहार विधान सभा, बिहार विधान परिषद और बिहार सरकार की डायरी अलग-अलग प्रकाशित होती है।
सभी में अपनी-अपनी जरूरत के लोगों और संस्थाओं के नंबर प्रकाशित होते हैं। जानकारी के अनुसार, जनवरी से प्रकाशित होने वाले दैनिक भास्कर में नयी नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है। इस कारण थोक भाव से पत्रकारों के अखबार बदलने की संभावना बतायी जा रही है।
फिलहाल प्रभात खबर के तीन लोगों ने हिंदुस्तान में नयी पारी की शुरुआत की है, जिसमें एक बड़े पदधारी भी हैं, जबकि आगामी दो दिसंबर तक हिंदुस्तान से कई लोगों के भास्कर से जुड़ने की संभावना है। इसमें भारी पद वाले लोग भी शामिल हैं। प्रभात खबर से भी कई लोग भास्कर में जा सकते हैं।
पत्रकारों की इस आवाजाही ने डायरी प्रकाशकों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। दिसंबर महीने में विधान सभा और विधान परिषद के लिए प्रेस सलाहकार समिति का गठन भी किया जाना है और इसमें अखबारों के हिसाब से सदस्य बनाए जाते हैं। इस वजह से इन डायरियों के प्रकाशन में भी विलंब की आशंका जतायी जा रही है।
हालांकि इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि प्रकाशन के समय तक जितनी सूचनाएं उपलब्ध सकेंगी, उन्हें जोड़ लिया जाएगा।