उत्तर प्रदेश की सत्तर से ज्यादा सीटों पर भारी भीतरघात झेल रही भाजप के वरिष्ठ नेता व वारणसी दक्षिण से 7 बार विधायक रहे ने श्यामदेव चौधरी ने ठीक चुनाव के दिन ही राजनीति छोड़ने का ऐलान करके पार्टी की मुश्किलों को और बढा दी हैं.
भाजपा ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दे कर नीलकंठ को मैदान में उतारा था. चौधरी ने कहा मुझे कोई नीलकंठ याद नहीं है, मुझे सिर्फ नरेंद्र मोदी याद हैं.
दादा के नाम से मशहूर श्यामदेव राय चौधरी ने वाराणसी में वोट डालने के बाद एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में यह घोषणा की.
हालांकि उन्होंने कहा , ‘’मैं जनता से अपील करूंगा की कमल के निशान पर वोट देकर पीएम मोदी के हाथों के सशक्त करें और उनकी भारत को आगे बढ़ाने में मदद करें.’’
लगातार उनके वाराणसी दक्षिण से बीजेपी का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना थी लेकिन उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया। जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई। इतना ही नहीं खुद श्यामदेव ने पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था। माना जा रहा था कि अगर श्यामदेव को मनाने में भाजपा असफल रही तो, इसका खासा नुकसान भुगतना पड़ सकता है.
दर असल यूपी चुनाव के दौरान भाजपा बूरी तरह भीतरघात की शिकार रही है. इस बार कम से कम 70 सीटों पर उसके बागी उम्मीदवार खड़े हो गये हैं. इन बागी उम्मीदवारों में ज्यादा तर ऐसे हैं जो खुद को टिकट का दावेदार मानते रहे लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे खुद भी बगावत करके चुनावी अखाडे में कूद गये.