राजधानी पटना का आम जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। दो दिनों तक दहशत और भय के बीच समय गुजारने के बाद लोग आज सामान्य सा महसूस कर रहे हैं। कल दिन भर खुले आसमान और गांधी मैदान व पार्कों में दिन-रात गुजारने वाले लोग अब अपने आशियाने में लौट चुके हैं।
रातभर पार्कों और मैदानों में रहने वाले लोग सुबह पौ-फटने के पूर्व ही अपने आशियाने की ओर लौटने लगे थे। सुबह तक पार्क लगभग खाली हो चुके थे। सैर करने वाले लोग ही पार्कों में दिख रहे थे। रात में प्रशासन ने टेंट के साथ बिजली और पानी की भी व्यवस्था कर रखा था। राजधानी के सभी पार्कों में रातभर लोग जमे रहे। पार्कों का नजारा मेला सा दिख रहा था। लोगों का कहना था कि एक जनवरी से कई गुना ज्यादा भीड़ पार्कों में थी।
पार्कों और मैदानों में बड़ी संख्या में वाहन भी खड़े थे। लोग अपने साथ अपने वाहन भी लेते आए थे। वाहनों में लोग सो रहे थे। खुले मैदान के पास सड़कों पर वाहनों की कतार लगी हुई थी। मैदानों और पार्कों के शरण आए अधिकांश लोग अपार्टमेंट में रहने वाले थे। पार्क और आशियाने के बीच आने-जाने का सिलसिला रात भर जारी रहे। हालांकि भय और दहशत को माहौल हर जगह था। मैदान में रह रहे लोग भी चैन से नहीं थे और घरों में रह रहे लोग भी बेचैन थे। अब शांति का माहौल दिख रहा है, लेकिन भूकंप की आशंका अभी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।