भाजपा खेमे में भूमिहार फैक्टर हावी होने लगा है। पिछले दिनों श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह में और आज कैलाशपति मिश्र की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित नमन कार्यक्रम में भूमिहार सरोकार मुखर रूप से दिखा। इसे बेगूसराय के सांसद भोला सिंह के संबोधन से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा भूमिहार को पोसुआ (पाला हुआ) न समझे। हम कैलाशपति मिश्र की औलाद हैं। हमारे पास कलम भी है, तलवार भी है। श्री सिंह ने कहा कि पार्टी के लिए हम मरते-खपते हैं। लाभ का मौका आता है तो कहा जाता है कि आप अलग रहिए। उन्होंने अपने करीब 20 मिनट के साहित्यिक भाषण कई नेताओं पर नाम लेकर प्रहार भी किया।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
भोला सिंह ने आज जिस भाषा व भाव का इस्तेमाल किया, इसी भाषा व भाव का इस्तेमाल लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने श्रीबाबू के जयंती समारोह में किया था। सूरजभान ने भी कहा था कि जिसे हम चाहते हैं, उसे उठाते है, जिसे हम चाहते हैं, उसे बैठाते हैं। उस कार्यक्रम का आयोजन भी भाजपा ने ही किया था। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब यह भी भाजपा के लिए चिंता का विषय है कि भाजपा खेमे में भूमिहार नेताओं का असंतोष भाजपा के लिए भस्मासुर नहीं साबित हो। खैर।
भोला सिंह के भाषण के दौरान मंचासीन नेताओं के चेहरे को आसानी से पढ़ा जा रहा था। सभी नेता भाषण से हतप्रभ व अचंभित नजर आ रहे थे। मुख्य अतिथि मुरली मनोहर जोशी शांत भाव से सुन रहे थे। जबकि अन्य नेताओं की तुलना में सुशील मोदी और नंदकिशोर यादव स्वाभाविक रूप से ज्यादा असहज महसूस कर रहे थे।
आज के नमन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी थे। कार्यक्रम में भाजपा तीनों केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद और राधामोहन सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, सांसद रामकृपाल यादव, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह आदि मौजूद थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी, विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव के अलावा पार्टी के वरीय नेता मौजूद थे।
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