केंद्र सरकार ने आज संकेत दिया कि संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशें मिलने के बाद उनके अनुरूप 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में कुछ परिवर्तन किया जा सकता है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री वीरेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में मनरेगा तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से जुड़ी दस नियमावलियों को जारी करने के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह संकेत दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार भूमि अधिग्रहण कानून, को ही जारी रखेगी या उसमें कोई बदलाव करेगी, श्री सिंह ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम सप्ताह में संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट आ जाएगी। अगर उस रिपोर्ट में किसानों के हितों की रक्षा के लिए आम सहमति से और राष्ट्रहित में कोई सिफारिश होगी तो सरकार आगे बढ़ेगी और उन सिफारिशों को लागू किया जायेगा। इस सवाल पर कि सिफारिशों को लागू करने का मतलब भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में कोई बदलाव करने से है, श्री सिंह ने कहा, “आम सहमति और राष्ट्रहित में हम आगे बढ़ेंगे।”
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले दिनों विपक्ष तथा किसान संगठनों के विरोध को देखते हुए भूमि अधिग्रहण से जुड़े अध्यादेश को वापस ले लिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि किसानों के हितों को देखते हुए भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 अब फिर से अस्तित्व में आ गया है।