जब हम पटना के ज्ञान भवन पहुंचे तो किसान समागम का पहला सत्र समाप्‍त चुका था। सभी प्रतिभागी किसान सहभोज के लिए ग्राउंड फ्लोर पर आ रहे थे। किसानों के साथ मुख्‍यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों का काफिला भी जमीन पर आ रहा था। हम सीधे किसान सहभोज हॉल में पहुंचे। विशाल सभागार। दो हजार से ज्‍यादा लोग एक साथ खाना खा सकते हैं। पॉकेट बंद भोजन और बोतल बंद पानी। झकास सफेदी पात में लगी हुई थी। करीब हर डेढ़ फीट की दूरी पर भोजन का पैकेट और पानी रखा हुआ था। किसान जगह देखकर पात में बैठ रहे थे और भोजन ग्रहण कर रहे थे।

वीरेंद्र यादव

 

सब कुछ संयम से चल रहा था। पैकेट में पर्याप्‍त भोजन सामग्री थी। 6 पूड़ी, पुलाव, दाल, दो-तीन प्रकार की सब्‍जी, सलाह, दही और दो मिठाई भी। पूरा पॉकेट तो हम भी नहीं खा पाए। हॉल के एक तरफ मुख्‍यमंत्री का पूरा काफिला बैठा हुआ था। कई मंत्री भी मौजूद थे। अधिकारियों की पूरी फौज सहभोज में शामिल थी। मुख्‍यमंत्री के पास ही पत्रकारों का मजमा लग गया। कई चैनल वाले मुख्‍यमंत्री की पैकेट को फोकस लाइव भी कर रहे थे। सबकी अपनी-अपनी टिप्‍पणी। जैसा चैनल, भोजन का वैसा ही टेस्‍ट। इस भोज में किसी को किसानों की बदहाली नजर आ रही थी तो किसी को शाही भोज का दर्द नजर आ रहा था।

भोजन के बाद फिर किसान समागम की कार्यवाही शुरू हुई। किसान अपना-अपना सुझाव दे रहे थे। ज्ञान भवन में किसानों के बैठने की व्‍यवस्‍था प्रमंडलीय स्‍तर की गयी थी। इस समागम में तीन तरह के लोग मौजूद थे। पहला अधिकारियों का कारवां, दूसरा विभिन्‍न जिलों से आये किसानों का काफिला और तीसरा मीडियाकर्मी। चौथी श्रेणी में जदयू के कार्यकर्ता भी शामिल थे। पहले सत्र में वरीय अधिकारी और विशेषज्ञ कृषि रोडमैप को लेकर अपना पक्ष रख चुके थे। इसके लिए अपना संकल्‍प बता चुके थे। कृषि रोड मैप पांच वर्षों के लिए बनाया जाना है और इसी क्रम में आज किसानों का सुझाव मुख्‍यमंत्री ले रहे थे। आज के सुझाव और संकल्‍पों पर सरकार कितना अमल करती है, यह तो रोडमैप आने के बाद ही स्‍पष्‍ट हो सकेगा। लेकिन आज का भोज, भाषण और कृषि विकास का संकल्‍प काफी दिनों तक याद रहेगा।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427