ऐसे किस्से पुराने जमाने में सुनने को मिलते थे कि राजा आधी रात को भिखारी के भेस में निकलता था और प्रजा को इंसाफ दिलाता था. ठीक इसी का अनुसरण पटना के एसएसपी मनु महाराज ने मंगल की रात किया.
मनु महाराज ने एक पुरानी साइकिल ली. अपनी वर्दी हटायी. पुराने और साधारण दिखने वाले कपड़े पहने. पैर में पुरानी चप्पल और सर पर गमछा रखा और पहुंच गये आर ब्लॉक.
वहां गश्ती जीप में इंस्पेक्टर विपिन कुमार बैठे थे. बदले भेस में मनु साइकल लिये पहुंचे और विनति करते हुए कहा कि वह मध्यप्रदेश के निवासी हैं और पटना में ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पैसे चोरी हो गये हैं उनकी मदद करें. इतना सुनना था कि इस्पेक्टर ने तंगहाल आदमी को जोर से डांटा और भागने के लिए कहा. लेकिन वह भागने के बजाये दोबारा आग्रह करने लगे. इस पर इस्पेक्टर के ऊपर पुलिसिया रोब सवार हो गया और तैश में आते हुए इंस्पेक्टर साहब उन्हें थप्पड़ जड़ने के लिए जीप से उतर गये.
यूं उठाया थप्पड़
इससे पहले कि मनु महाराज के ऊपर इंस्पेक्टर थप्पड़ चलाते, मनु ने मौके की नजाकत को समझते हुए अपने चेहरे से गमछा हटा दिया. जैसे ही चेहरे से गमछा हटा. इंस्पेक्टर का क्रोध बर्फ की तरह जम गया और वह थर्र-थर्र कांपने लगे. मनु महाराज का ऑरिजनल चेहरा देखते ही वहां मौजूद दीगर पुलिसकर्मी ताबड़ तोड़ सैल्युट मारने लगे. लेकिन इतनी देर में विपिन कुमार की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी. फिर मनु ने गरजती हुई आवाज में कहा- यू आर सस्पेंडेड मिस्टर विपिन.
मनु महाराज को अकसर ये शिकायते मिलती रहती हैं कि उनके पदाधिकारी अपने काम के प्रति संवेदनशील नहीं हैं. लेकिन इन शिकायतों पर वह तब तक कार्रवाई करना उचित नहीं समझते थे जबतक कि खुद ऐसे अधिकारी को रंगे हाथ न पकड़ लें. सो उन्होंने अपने मातहतों के कामों का जायजा लेने के लिए साधारण आदमी का भेस बनाया.
मंगल की आधी रात वह कई घंटे साइकिल से बेली रोड पर जायजा लेते रहे.
मनु की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है. कई पुलिस अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं कि अब उनकी बारी कभी भी आ सकती है.
मनु महाराज ने इससे पहले भी कई मातहत अधिकारियों को अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर चुके हैं.
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