देश के 3.5 करोड़ भोजपुरी भाषियों का दशकों पुराना सपना साकार होने की उम्मीद जाग गयी है.बिहार कैबिनेट इस बात पर सहमत हो गया है कि भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामलि करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाये.
भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग दशकों से चल रही है. इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन भी होता रहा है. पिछली बार माथिली को आठवीं अनुसूची में शामलि करने की बात आयी पर भोजपुरी तब भी छूट गयी.
उधर केंद्र सरकार ने पहले ही इस बात का संकेत दिया था कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार भेजे. हालांकि अप्रैल 2007 में ही तब के गृह राज्य मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने संसद में पेश एक प्राइवेट बिल पर चर्चा करते हुए कहा था कि सरकार भोजपुरी और राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की कार्वाई शुरू कर चुकी है. लेकिन उस वक्त भी यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
राज्य सरकार भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराएगी। कैबिनेट की विशेष बैठक में इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने पर सहमति बन गई। बिहार में भोजपुरी भाषियों की संख्या 3.30 करोड़ है। भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है।