बिहार के निगरानी विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोप में एक डीएसपी पर के दर्ज करके उन आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है जो आरोप लगाते रहे हैं कि बड़े अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती.Singam-2-15188_2226

नौकरशाही डेस्क

पिछले दिनों निगरानी ने रजौली के डीएसपी वीरेंद्र कुमार साहू के बॉडीगार्ड मुन्ना खान को एक लाख दस हजार रुपय रिश्वत लेते पकड़ा. मुन्ना खान ने पुलिस हिरासत में स्वीकार किया कि उसने यह रुपए डीएसपी के कहने पर लिये. मुन्ना के इस वक्तव्य की बुनियाद पर डीएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है.

मामले के तह तक पहुंचने के लिए निगरानी और जांच कर रही है. निगरानी विभाग के एएसपी सुशील कुमार इस केस के जांचकर्ता बनाये गये हैं.

चार वर्ष में डीएसपी रैंक का पहला अफसर

पिछले पांच महीने में रिश्वत लेने के मामले में निगरानी ने 22 आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा है. इनमें बिहार पुलिस सेवा का कोई अफसर नहीं है. पुलिस सेवा के किसी अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज करने का यह पहला मामला है. इस तरह निगरानी की टीम ने यह कार्रवाई करके अपने कई उन आलोचकों को खामोश कर दिया है जो यह कहते रहे हैं कि निगरानी की तलवार छोटे अफसरों की गर्दन तक ही पहुंचती है.

पिछले चार वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिहार पुलिस सेवा के किसी अफसर के गिरेबान पर निगरानी ने हाथ डाला हो. चार वर्ष पहले निगरानी ने बाके रजक नामक डीएसपी को रिश्वत लेते पकड़ा था. रजक को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. निगरानी के एएसपी सुशील कुमार बताते हैं कि रजक के खिलाफ चार्जशीट हो चुकी है. मामला अदालत में है.

पिछले एक वर्ष में निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के मामलों को काफी संजीदगी से ले रहा है. जब उसे रिश्वतखोरी की शिकायत मिलती है वह, तत्परता से काम करता है. लेकिन निगरानी के समक्ष गंभीर चुनौती, इस बात के जस्टिफिकेशन की होती है कि किसी आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सुबूत जुटाये जायें. पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर किसी अफसर या कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम बढ़ाना, खुद निगरानी के लिए किरकिरी की वजह बन जाने का खतरा होता है.

 

जहां तक ताजा मामले का सवाल है. डीएसपी रवींद्र साहू के बॉडी गार्ड के बयान को बुनियाद बना कर निगरानी ने मामला दर्ज कर लिया है. साहू 2010 बैच के अफसर हैं और उनके खिलाफ कई स्रोतों से शिकायतें मिल रहीं हैं. निगरानी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ ज्ञात स्रोतों से ज्यादा की सम्पत्ति की भी जांच की जायेगी. संभव है वह निलंबित भी कर दिये जायें.

By Editor


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