भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोपी सोगरा वक्फ प्रमुख एस. एम शरफ के खिलाफ आज बिहारशरीफ में मुस्लिम समाज के लोगों ने धरना दिया। इस दौरान लोगों ने वक्फ प्रमुख को जांच में समय जाया कर बचाने का आरोप लगाया। धरना की अध्यक्षता कर रहे एडवोकेट मो. इकबालुज्जफर ने कहा कि समाज की जनता एस. एम शरफ के काले कारनामे से त्रस्त है। इनके खिलाफ सोगरा वक्फ इस्टटे के सदस्यों ने भी शिकायत की है। मगर सुन्नी वक्फ बोर्ड के उदायीन रवैये के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और इनको बचाआ जा रहा है।
बिहारशरीफ / नौकरशाही ब्यूरो
वहीं, सरफराज खान ने कहा कि मुतवल्ली (प्रमुख एस. एम शरफ) ने पैसों के लिए 13 साल तक सोगरा में बने रहे। आज कह रहे हैं उन्हें पैसे से मतलब नहीं है। उन्होंने मदरसा अजीजीया में छात्राओं के नामांकन पर रोक लगा दी। दलील दी कि लड़के – लड़कियां एक साथ नहीं पढ़ेंगे और मदरसा इसलामिया में भी पैसे कमाने के लिए अलॉट किया गया। जबकि यह फ्लोर मदरसे का था। वकील खां ने कहा कि एस. एम शरफ ने तो कब्रिस्तान को भी बेचना शुरू कर दिया है। क्यों उन्हें मर कर दफन नहीं होना है? क्या उन्हें जलाया जायेगा?
पाल बिहारी ने कहा कि वक्फ प्रमुख ने सारे भू माफियाओं से सांठ गांठ कर ली है। तभी तो माइनॉरिटी गर्ल्स स्कूल बनाने की जगह सोहन कुआं वाली जमीन से कड़ी रकम कमाने के लिए बंदर बांट कर ली। वे भू माफियाओं से मिल्लत कर अवार्ड हासिल कर रहे हैं। बेरोजगार लोग जो मेहनत के पैसे से सालों रसीद कटवा रहे हैं, उन्हें जगह इसलिए नहीं दी गई कि उन्होंने नाजायज पैसे नहीं दिये। धरना में शामिल लोगों ने एस. एम शरफ की बहाल को गलत करार दिया और कहा कि उन्होंने बोर्ड को दिग्भ्रमित कर अपनी बहाली करा ली है। इस धरना में मो. इस्तियाक, मो. शहाबुद्दीन सदस्य वक्फ बोर्ड सोगरा, मो. लड़्डन मलिक, पप्पू खान, मो. जियाउद्दीन समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।