पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की 87वीं जयंती पर याद करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि उन्होंने उनकी गोद में खेला है. वीपी सिंह सामाजिक न्यायविदों के भरोसे पर खरे उतरने वाले ऐसा नेता थे जिन्होंने मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कर के शेर के मुंह में हाथ डाल कर दांत गिनने जैसा साहस दिखाया था.
तेजस्वी ने अपने बयान में कहा “पूर्व प्रधानमंत्री श्री वी॰पी॰ सिंह जी की गोद में खेला हूँ।उनसे व्यक्तिगत लगाव रहा है।हम उनके प्रति कृतज्ञ है। उनके छोटे से कार्यकाल ने देश की दशा और दिशा बदली। मंडल कमीशन लागू करना शेर के मुँह में हाथ डालकर दाँत गिनना था। वो सामाजिक न्यायवादियों के भरोसे पर खरा उतरे”.
गौरतलब है कि 1990 में वीपी सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की थीं. इसके तहत केंद्र और राज्यों की नौकरियों में पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण मिल सका था. इन सिफारिशों को लागू करने के बाद सवर्ण समाज ने भारी विरोध किया था और अनेक छात्रों ने आत्मदाह तक कर लिया था.
तेजस्वी ने मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के फैसले को शेर के मुंह में दांत गिनने वाला इसलिए बताया है कि सबसे पहले 1953 में कालेकर कमीशन की रिपोर्ट में भी पिछड़ों को आरक्षण देने की सिफारिश की गयी थी लेकिन अगले 47 सालों तक आरक्षण लागू करने में सरकारें कतराती रहीं.
याद रहे कि वीपी सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे और कांग्रेस छोड़ कर वह पधानमंत्री बने थे. इससे पहले वह वित्त और रक्षा जैसे महत्वपूण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके थे.
तेजस्वी ने एक अन्य ट्विट में लालू प्रसाद के साथ वीपी सिंह की तस्वीर साझा करते हुए उन्हों हाशियों के लोगों का नायक बताया है. उन्होंने लिखा- वंचित और उपेक्षित वर्गों की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व प्रधानमंत्री श्री वी॰पी॰ सिंह जी की जयंती पर हार्दिक नमन, कोटि-कोटि प्रणाम। हाशिये के समूहों के आप नायक है।