केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी बारी-बारी से मंत्रियों के पर कतर रहे हैं और सचिवों को ताकतवर बना रहे हैं। सत्ता पर एकछत्र राज्य स्थापित करने की कवायद तेज हो गयी है। इसी सिलसिले में कल पीएम ने अपने आवास पर सचिवों के बैठक की। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की आर्थिक नीतियों और विकास योजनाओं को जन आकांक्षाओं के अनुरूप बनाने टास्क केंद्र सरकार के सचिवों को सौंपा है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में नये विचारों के साथ उसे अधिक व्यावहारिक और जनकल्याणीकारी होना चाहिए। इस दौरान उनसे कामकाज की जानकारी ली। बैठक में वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे।
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क
पीएमओ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सचिवों से अभी से आगामी बजट के लिए तैयारी करने को कहा। उन्होंने ऐसे उपायों को प्राथमिकता देने को कहा जिससे जन आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। उनका कहना था कि आम लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनकी आकांक्षाओं के अनुसार काम कर रही है। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में श्री मोदी ने सचिवों से कहा कि वे निडर होकर निर्णय लें। सरकार पूरी तरह उनके साथ है। उन्होंने यह जानकारी भी ली कि पिछले पांच माह के दौरान उन्होंने अपने विभागों और मंत्रालयों में किस तरह के बदलाव किए हैं। बैठक में स्वच्छ भारत अभियान पर भी बात हुई।
प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी दूसरी बार सचिवों से मिले हैं। पिछली बैठक चार जून को हुई थी, जिसमें श्री मोदी ने सचिवों से पुराने पड़ चुके कानूनों की पहचान करने और प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करने के संबंध में बातचीत की थी। उन्होंने सचिवों से शासन व्यवस्था को सुधारने के लिए अपने विचार सीधे उन्हें भेजने को भी कहा था। प्रधानमंत्री इसके बाद कुछ विभागों के सचिवों से अलग से भी मिले।
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