हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज आरोप लगाया कि टॉपर्स फर्जीवाड़ा के आरोपी और विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह तथा उनकी पत्नी प्राचार्य उषा सिन्हा फरारी के दौरान पटना में ही एक मंत्री के यहां छुपे हुए थे जबकि पुलिस उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किये जाने का दावा कर रही है ।
श्री मांझी ने कहा कि फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद से भूमिगत चल रहे श्री सिंह और उनकी पत्नी प्रो. सिन्हा अपने सारे दस्तावेजों को दुरुस्त करने के इरादे से ही पुलिस की पकड़ से बचते फिर रहे थे । उन्होंने कहा कि इसका अंदेशा उन्हें पहले से ही था ।
हम अध्यक्ष ने कहा कि श्री सिंह और श्रीमती सिन्हा अपने फरारी के दौरान नीतीश सरकार के एक मंत्री के पटना स्थित आवास पर कुछ दिन तक शरण लिये हुए थे और इसके बाद एक पूर्व मंत्री के आवास में थे । उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोनों की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बता रही है, जो सही नहीं है ।
श्री मांझी ने कहा कि इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच होने के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा । पुलिस से इस फर्जीवाड़ा का जांच कराया जाना किसी भी हाल में उचित नहीं है । उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड अमित कुमार उर्फ बच्चा राय को पुलिस ने पकड़ने के बाद छोड़ दिया था । हम अध्यक्ष ने कहा कि बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया नहीं जा सकता , लेकिन वर्तमान सरकार ने पुलिस पर दबाव बनाकर उसे बौना बना दिया है। हाल के दिनों में टॉपर्स और छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा तथा बहुचर्चित पशुपालन घोटाला से संबंधित संचिका गायब किये जाने के मामले की हर हाल में सीबीआई से जांच होनी चाहिए ।