केरल में कोल्लम के पुत्तिंगल देवी मंदिर में दिल दहलाने वाली आग से 110 की जान जाने के बाद अब उस साजिश का पर्दाफाश हो गया है कि कुछ हिंदू संगठनों ने मुस्लिम अफसरों द्वारा आतिशबाजी की अनुमति नहीं देने पर साम्प्रदायिकता का आरोप लगाया था.
इस भीषण आग में 383 गंभीर रूप से घायल हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार सूत्रों के मुताबिक, कोल्लम डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ए. शाइनामोल और एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ए. शानवाज ने मंदिर में आतिशबाजी की इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने धमकी दी और आरोप लगाया कि सांप्रदायिक मकसद के चलते आतिशबाजी की परमिशन नहीं दी गई, क्योंकि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ए. शाइनामोल और एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ए. शानवाज दोनों मुस्लिम हैं।
अखबार लिखता है कि मंदिर में आतिशबाजी की जाए या नहीं? इसे लेकर शनिवार दोपहर तक असमंजस की स्थिति थी। लेकिन मंदिर प्रशासन ने राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल कर लिया। इंडियन एक्सप्रेस को एक सूत्र ने बताया कि मंदिर प्रशासन को भरोसा था कि आतिशबाजी में कोई बाधा नहीं डालेगा, क्योंकि अभी केरल में चुनाव का समय चल रहा है और आतिशबाजी कराने का फैसला ले लिया गया। प्रशासन की ओर से आतिशबाजी पर जो बैन लगाया गया था, उसका पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस पर थी।
शनिवार रात को जब आतिशबाजी की गई, तब बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। कोल्लम के पुलिस कमिश्नर पी प्रकाश ने अखबार को बताया कि बैन सिर्फ प्रतिस्पर्धी आतिशबाजी पर था। आयोजकों ने पुलिस से गुजारिश की थी कि परंपरा के लिए थोड़ी बहुत आतिशबाजी की इजाजत दे दी जाए। कमिश्नर ने बताया कि हमने आयोजकों से परमिशन लेने की बात कही तो उन्होंने कहा कि उनके पास प्रशासन की मंजूरी है, जब उनसे लिखित आदेश दिखाने को कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया और आतिशबाजी शुरू कर दी।