कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने आज कहा कि सरकार बीज की वजह से मक्का की फसल प्रभावित होने के कारणों की जांच करवाकर किसानों को हुये नुकसान की भरपाई करेगी। श्री कुमार ने विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी विधायक तारकिशोर प्रसाद के कटिहार जिले के भटवारा पंचायत में मक्का फसल में दाना नहीं आने से किसानों को हुये नुकसान की भरपाई करने से संबंधित तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि विभागीय निर्देशों की अवहेलना करने वाली बीज कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि मक्के की खराब बीज की शिकायत आने के बाद विभाग ने एक कमेटी का गठन किया, जिसने किसानों की खेतों में जाकर जांच की। जांच में यह पाया गया कि जिन किसानों ने पहले मक्के की बुवाई की थी उनकी फसल में 50 प्रतिशत दाने ही आये जबकि जिन्होंने नवंबर के पहले सप्ताह में बुवाई की उनकी फसल में शत-प्रतिशत दाने आये। उन्होंने बताया कि कमेटी ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि मक्के की लंबी अवधि के हाइब्रिड बीज में 80 से 100 दिन के बीच परागण होता है और उस दौरान न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेंटीग्रेट से कम नहीं होना चाहिए। लेकिन, जिस दौरान मक्के की बुवाई की गई उस समय तापमान आठ डिग्री से कम था।
श्री कुमार ने कहा कि कमेटी ने तापमान में गिरावट को मक्के की बाली में दाने नहीं आने का मुख्य कारण माना है। साथ ही मक्के की बुवाई का उचित समय नवंबर का प्रथम सप्ताह बताया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर दे रही है ताकि किसानों के नुकसान को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सके।