गैर जिम्मेदार पत्रकारिता करने वाले बिहार के कुछ मीडिया की भद्द पिट गयी है.खुछ अखबारों/चैनलों ने झूठी खबर दी थी कि बिहारशरीफ के अजीजिया मदरसा में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगा दी गयी है.girls.in.madarsa

इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन

लेकिन नौकरशाही डॉट इन और आर्यन टीवी की छान-बीन से यह स्पष्ट हुआ है कि यह खबर भ्रामक और बे बुनियाद है. लड़कियों के नामांक पर रोक संबधी खबर जैसे ही कुछ अखबारों और चैनलों ने फैलाई नौकरशाही डॉट इन की टीम ने इस मामले की तहकीकात शुरू कर दी. इसके बाद हमने पाया कि इस मदरसे में नामांकित लड़कियों की संख्या लड़कों से काफी ज्यादा है. नामांकन करने की आखिरी तारीख यानी 30 सितम्बर तक मदरसे में लड़कियों की कुल संख्या 266 थी जबकि लड़कों की संख्या मात्र 175 थी.

यह आंकड़ा मदरसा अजीजिया के नामांकन रजिस्टर में मौजूद है. इतना ही नहीं मदरसा के आलिम यानी एमए कक्षा में 83 छात्राओं का नामांकन हो चुका है जबकि इसके विपरीत छात्रों की संख्या मात्र 46 है. यानी इस मदरसा की एमए कक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है.

पत्रकार राजेश कुमार ने दिखाया साहस

आर्यन न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार ने खुद भी मदरसा के सचिव एसएम शरफ से इस बात की पुष्टि की और मंगलवार रात को अपने चैनल पर इस न्यूज को ब्रेक किया. दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आजमी बारी ने तो वक्फ बोर्ड के मुख्यकार्यकारी अधिकारी इम्तेयाज अहमद करीमी की वह चिट्ठी ही सार्वजनिक कर दी जिसमें आधिरिक रूपसे छात्र और छात्राओं के नामांकन की सूची दी गयी है.

मामला क्या था

इस मामले में कुछ मीडिया को शिक्षा माफियाओं ने गुमराह कर दिया. ये वैसे शिक्षा माफिया हैं जो अभिभावकों से मोटी रकम लेकर डिग्रियां बेचने का खेल करते हैं. कुछ अभिभावक ऐसे हैं जो अपनी बेटियों को पढ़ाये बिना डिग्रियां खरीद लेते हैं. ऐसे में मदरसा अजीजिया के नवनियुक्त सचिव ने डिग्री बेचने वाले माफियाओं पर नकेल लगाने की कोशिश की तो शिक्षा माफियाओं के कुछ गिरोह ने इस मामले को दूसरा रंग दे दिया. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आजमी बारी, जिन्होंने खुद इस मामले की तहकीकात की तो पाया कि शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वैसे लोगों के छात्र-छात्राओं के नामांकन पर रोक लगायी है जो एक बार में 15-20 छात्र-छात्राओं के फार्म जमा करवाते रहे हैं. मदरसा के सचिव का साफ कहना है कि किसी एक अभिभावक के पास 15-20 छात्र कैसे हो सकते हैं?

दर असल सच्चाई यह है कि पिछले कई सालों से शिक्षा माफिया अभिभावकों से मोटी रकम लेकर बिना पढ़ाई किये ही परीक्षा फार्म भरवाते रहे हैं और परीक्षाओं में भ्रष्ट तरीके से पास करवा कर डिग्रियां हासिल करते रहे हैं. इस संबंध में भी पिछले दिनों आर्यन टीवी के पत्रकार दानिश रिजवान ने खबर ब्रेक की थी. उस खबर में बताया गया था कि कई हजार कापियां जांचे किये बिना ही छात्रों को अंक प्रदान कर दिये गये.

इस बीच मदरसा अजीजिया के सचिव एसएम शरफ ने कुछ मीडिया द्वारा भ्रामक खबर प्रकाशित व प्रसारित करने पर विरोद दर्ज कराया है. उन्होंने कहा है कि उनका मदरसा लड़कियों की शिक्षा के लिये पूरी तरह से समर्पित है.

By Editor

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