एक तरफ बिहार सरकार ने शराब पर प्रतिबंध के लिए पूरी ताकत और पूरा अमला झोक दिया है दूसरी तरफ मधुबनी के साहरघाट थाना अंतर्गत 22 गांवों में धड़ल्ले से शराब के जाम छलक रहे हैं.
दीपक कुमार, मधुबनी से
कौन कहता है साहब कि यहां शराब बंदी है, यहां शराब नहीं बिकती है। साहरघाट थाना क्षेत्र में 22 गांवों में आज भी बिक रही है शराब। गांव की गलियों की कौन कहे, एसएच-75 किनारे मुख्य सड़क पर दर्जनों जगह पर बिक रही है शराब। साहरघाट और बसबरिया के अलावे मुख्य सड़क किनारे पान की दुकानों में भी बिक रही है शराब। और तो और,साहरघाट थाना की नाक के नीचे साहरघाट बाजार में दर्जनों जगह पर बेचीं जा रही शराब।
पुलिस को भी पता है पर पुलिस अंजान बनी हुई है। बारातों में चल रहा जाम,सड़कों पर नाच,कहां है अपना पुलिस प्रशासन? धड़ल्ले से हो रही है शराब की तस्करी शराबबंदी लागू होने के बाद भी क्षेत्र में से जमकर शराब मंगवाई और परोसी जा रही है. इस शादी के मौसम में अगर पुलिस प्रशासन ने साथ ना दिया होता तो शायद शादियों में रंग नहीं जमता. सरकार के लाख वादे के बाद भी पुलिस प्रशासन की कमजोरी या कोताही शराब की बोतल से जाम छलक रहा है.. मधवापुर में सीमावर्ती नेपाल और पड़ोसी राज्यों से जमकर शराब मंगवाई और परोसी जा रही है.खासकर साहरघाट थाना क्षेत्र का शायद ही कोई गाँव बचा हो,जहां शराब नहीं बेचीं जा रही हो। इस बात की जानकारी पुलिस को भी है,पर नजराना लेकर प्रतिबन्ध के बावजूद शराब बेचने की खुली छूट दी गयी है। साहरघाट थाना क्षेत्र में लगभग 22 गांवों में आज भी बिक रही है शराब। क्या आप यकीन करेंगे कि पत्रकार और यहां के आम लोगों को पता हो और पुलिस को पता नहीं हो। जबकि हर गांव में पुलिस का अपना चौकीदार मौजूद है।यह हजम होने वाली बात नहीं है।
शराब विक्रेताओं के नाम भी बताये गये..
इस पत्रकार ने जब बेचने वालों के नाम गिनाये और उसका पता साहरघाट के थानाध्यक्ष प्रेमलाल पासवान को बताया तो उन्होंने कहा शराब की बिक्री पर रोक लगाना उनके वश में नहीं है क्योंकि हाईटेक तरीके से उसके विक्रेता शराब बेच रहे हैं। छापामारी तो अक्सर पुलिस करती है पर पकड़ में नहीं आ रहे शातिर विक्रेता।
दरअसल नियम के मुताबिक बिहार के किसी भी क्षेत्र में शराब लाना अपराध है, लेकिन शराबबंदी के सात माह पूरे हो चुके है परन्तु तस्वीरें कुछ और बयान कर रही है कि यहां शराब है बंदी नहीं. है भी तो प्रभावी नही हैं शराब न केवल बिक रही है बल्कि बाजारों, बारातों में खुलेआम इसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है. बारातों में जाम चल रहे है उनकी तस्वीरें बोल रही है कि शराब बिक रही है इसको झुठलाया नहीं जा सकता है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब शराब बेचने वालों की मदद खुद पुलिस कर रही हो तो लाख टके का सवाल यह है कि सरकार के स्तर से इस पर रोक कैसे लगेगी?