जब सवारी आपकी शान और स्वाभिमान का प्रतीक बन जाये तो कुछ लोग पैसे की पोटली कुछ ऐसे ही खोलते हैं. पढिये की इस बाइक के लिए कुछ लोग बोली लगाने पर अड़ गये और फिर क्या हुआ.

बाजार में बने रहने और उसे मजबूत बनाने के लिए कई हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। यह काम अब केवल व्‍यावसायिक कंपनियों ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन भी करने लगा है। राजस्‍थान के झुंझुनू डीटीओ ने इस प्रकार का प्रयोग किया है। जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में दुपहिया वाहनों की नई सीरीज के पहले नम्बर एसपी-0001 के लिए बोली 1.85 लाख में छूटी।motor

रमेश सर्राफ, राजस्‍थान

 

जिले के पीपली गांव के एक युवक ने अपनी 1.76 लाख कीमत वाली मोटरसाइकिल के लिए यह बोली लगाई थी। परिवहन विभाग कार्यालय झुंझुनू में दुपहिया वाहनों की नई सीरीज आरजे-18  एसपी- 0001 शुरू हुई। पहले ही दिन इच्छित नंबर चाहने वालों के लिए एक ही नम्बर के लिए एक से ज्यादा आवेदन आने पर बोली लगाई गई। इसके लिए जिला परिवहन अधिकारी जेपी मीणा, परिवहन निरीक्षक गोपालकृष्ण शर्मा, लेखाधिकारी गिरीश एलडीसी ओमप्रकाश शर्मा की कमेटी बनाई गई। एसपी-0001 नम्बर के लिए कुल चार फाइलें आई थी। इस नम्बर के लिए 1100 रुपए से बोली शुरू हुई।

 

पीपली के विजयपाल सिंह पुत्र एडवोकेट धर्मपाल सिंह बालाजी मोटर्स के प्रतिनिधि के बीच मुकाबला रोचक रहा। करीब 15 मिनट तक वे एक-दूसरे से बढक़र बोली लगाते रहे। दोनों 1.80 लाख पर आकर अटक गए। अंत में विजयपाल सिंह ने 1.85 हजार की बोली लगाई, जो उनके नाम छूटी। विजयपाल ने बताया कि वे अपनी रॉयल एनफील्ड डेजर्ट मॉडल मोटरसाइकिल के लिए 0001 नम्बर लेने के लिए तीन लाख रुपए तक में बोली छुड़ाने का टार्गेट लेकर आए थे। एसपी-0008 नम्बर भी उनके नाम ही रहा, जो उन्होंने अपनी स्कूटी के लिए लिया है। इसको लेकर काफी देर डीटीओ में गहमागहमी का माहौल रहा। इसकी चर्चा भी खूब हो रही है।

By Editor


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