ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड बनाए जाने पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए इसे रोकने के लिए आधार कार्ड से जोडने और वोटर आईकार्ड से जोड़ने तथा औचक निरीक्षण कर जाँच कराने एवं दोषी व्यक्तियों को दंडित किए जाने की सिफारिश की है।
लोकसभा के डा0 पी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली समिति ने आज संसद में पेश अपनी 14वीं रिपोर्ट में यह मांग की है। समिति ने मनरेगा के तहत महिला श्रमिकों की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए उनके बीच इस योजना को अधिक प्रचारित प्रसारित करने, तथा उनके नाम बैंक खाते खोलने एवं कैश की स्थापना पर जोर देने का भी सुझाव दिया है। 56पृष्ठों की इस रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि मनरेगा के तहत फर्जी जॉब कार्ड, बनाए जाने, मनरेगा के अधिकारियों तथा पंचायत के लोगों द्वारा गैर कानूनी तरीके से जॉब कार्ड रखे जाने एवं नकली नामों पर जाॅब कार्ड बनाए जाने की घटनाओं को देखते हुए मनरेगा कानून की धारा 25 के तहत इस अपराध के लिए लोगों को दंडित किए जाने की सिफारिश की है।
इसके अलावा जॉब कार्ड की औचक जाँच कराने की भी सिफारिश की है और फर्जी जॉब कार्ड को रोकने के लिए आधार और वोटर आईडी से भी इसे जोड़ने का सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मचारियों के अभाव में मनरेगा के मजदूरों को समय पर उनकी दिहाड़ी नहीं मिल पा रही है। इसलिए कर्मचारियों की नियुक्ति हो तथा ढाँचा विकसित हो।