पश्चिम बंगाल के नदिया में हो रहे पंचायत चुनावों में भाजपा और वाम के बीच समझौते पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिशिर अधिकारी ने कहा कि चुनावी लाभ के लिए वाम और राम एक हो गये हैं।
तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ से ही यह संभव है कि वाम और राम एक खेमे में आ जाये। वहीं दिल्ली में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि चुनाव में हुई हिंसा से मतदाताओं का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं। हम तृणमूल और भाजपा को एकसमान रूप से अपना विरोधी मानते हुये दोनों के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बंगाल में विचारधारा और राजनीति के लिहाज से एक दूसरे के धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हाथ मिला लिया है। पश्चिम बंगाल के नदिया में हो रहे पंचायत चुनावों के लिए हुए इस गठबंधन को माकपा जहां गठबंधन नहीं बल्कि सीट बंटवारे को एक औपचारिक सामंजस्य बता रहे हैं वहीं भाजपा इसे एक अकेला मामला बता रही है। तृणमूल का दावा है कि सत्ता के लिए दोनों ने अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि माकपा हमेशा से ही भाजपा को विभाजनकारी ताकत और सांप्रदायिक दल बताती रही है। दोनों दलों में यह भाईचारा अप्रैल के आखिरी हफ्ते में दिखना शुरू हुआ था, जब दोनों दलों ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर नदिया जिले के करीमपुर-राणाघाट इलाके में एक संयुक्त विरोध रैली का आयोजन किया। रैली के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने झंडे लेकर पहुंचे थे।
माकपा के नदिया जिला सचिव व राज्य समिति के सदस्य सुमित दे की माने तो पार्टी को जमीनी स्तर पर जिंदा रहने के लिए कई सीटों पर ऐसा करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसका पार्टी की नीति से कुछ लेना-देना नहीं है। हां, जमीनी स्तर पर कुछ तालमेल बनाया गया। यह गठबंधन नहीं बल्कि सीट बांटने के लिए बनाया गया औपचारिक सामंजस्य है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हम एकजुट हुए हैं। माकपा की केंद्रीय समिति के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि एक घटना के हिसाब से भाजपा के खिलाफ माकपा की राजनीतिक विचारधारा को आंकना नहीं चाहिए। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिशिर अधिकारी ने कहा कि चुनावी लाभ के लिए वाम और राम एक हो गये हैं। यह जनता के हित में नहीं है। श्री अधिकारी ने कहा कि तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ से ही यह संभव है कि वाम और राम एक खेमे में आ जाये। वे बार-बार कोर्ट भाग रहे हैं। अब उन्हें कौन समझाये कि चुनाव कोर्ट में नहीं लड़ा जाता, बल्कि इसके लिए मैदान में उतरना पड़ता है।
इधर, दिल्ली में माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा से हाथ मिलाने पर कहा कि चुनाव में हुई हिंसा से मतदाताओं का ध्यान भटकाने के लिये इस तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं। श्री येचुरी ने भाजपा के साथ किसी भी तरह के चुनावी सहयोग के आरोप को सिरे से खारिज करते हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर ही भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल को इस बात का जवाब देना होगा कि नारदा, सारधा और रोजवेली घोटाला मामलों में सीबीआई ने जांच धीमी क्यों कर दी है।
श्री येचुरी ने कहा कि तृणमूल और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। श्री येचुरी ने कहा कि हम तृणमूल और भाजपा को एकसमान रूप से अपना विरोधी मानते हुये दोनों के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।