कोसी रेंज के डीआईजी चंद्रिका प्रसाद को फिरौती मांगने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना महंगा पड़ा है. गृह विभाग ने उनका तबादला करके मुजफ्फरपुर बीएमपी के समान पद पर कर दिया है.
ध्यान रहे के चंद्रिका प्रसाद से किसी ने फोन कर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी. इसके बाद चंद्रिका ने एफाईआर दर्ज करवाई थी.
माना जा रहा है कि चंद्रिका प्रसाद द्वार इस मामले को सार्वजनिक करने से सरकार की किरकिरी हुई है. इसलिए उन्हें तबादला कर दिया गया है. एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर से जब कोई रंगदारी मांगे तो यह स्वाभाविक तौर पर सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात है. ऐसे में गृह विभाग के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि चंद्रिका प्रसाद को इस मामले में संयम से काम लेना चाहिए था ताकि सरकार बदनामी से भी बच जाती और फिरौती मांगने वाला भी पकड़ा जाता.
गौरतलब है कि डीआईजी को यह धमकी मोबाइल संख्या 8826757488 से उनके उनके एक पर्सनल मोबाइल नंबर 9931024019 पर बीते 24 जून को दोपहर बाद मिली। डीआईजी चंद्रिका प्रसाद ने जब अपने स्तर से धमकी देने वाल मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवायी तो इस नंबर का सिमकार्ड विजय नगर, गाजियाबाद निवासी किसी शेष नारायण नामक व्यक्ति के नाम से निर्गत पाया गया।
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फोन करने वाले ने पहले डीआईजी से अभद्रता से बात की और कहा कि तुम जल्द रिटायर्ड करने वाले हो। अगर अपनी और अपने परिवार की सलामती चाहते हो तो अभी बीस लाख और रिटायरमेंट के बाद जो रुपये मिलेंगे उनमें से आधा पहुंचा देना। डीआईजी द्वारा फोन करने वाले का परिचय पूछे जाने पर पहले उसने कहा कि मैं काला चश्मा वाले ब्रह्मदेव का बेटा गांधी बोल रहा हूं और बाद में कहा कि ‘मैं यूपी से आजम खान बोल रहा हूं।’