महागठबंधन की सांस सर्कुलर रोड में अटकी रहती है। राजनीतिक संभावनाओं का दम कब फुल जाए या दम टूट जाए, कोई नहीं जानता है। राज्य सभा और विधान परिषद चुनाव को लेकर बहुत लोगों की सांस थमी हुई है। राजद ने उम्मीदवारों के चयन के लिए औपचारिक रूप से पार्टी प्रमुख लालू यादव को अधिकृत कर दिया है और जदयू में भी पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार अधिकृत हैं।
वीरेंद्र यादव
राज्य सभा की पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में ‘महागठबंधन की डोली’ में बैठकर चार लोग राज्य सभा जाएंगे। बहस नाम को लेकर जारी है। सर्कुलर रोड में सात नंबर और दस नंबर सत्ता का वास्तविक केंद्र है। दो सांसद सात नंबर से निकलेंगे और दो सांसद दस नंबर से निकलेंगे। जयदू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और राजद की नेता मीसा भारती का जाना लगभग तय हो गया है। राज्य सभा की दौड़ से कांग्रेस बाहर है। कांग्रेस के टिकट पर बिहार से राज्य सभा सदस्य रहे कपिल सिब्बल को फिर से भेजने की चर्चा थी, लेकिन राजद व जदयू ने प्रस्ताव को नकार दिया।
केसी और आरसीपी में शीतयुद्ध
राजद और जदयू दोनों पार्टियों में दूसरे उम्मीदवार को लेकर मंथन और माथापच्ची रही है। घमासान नहीं कहा जा सकता है। प्रत्याशी बहुत हैं, दावेदार कोई नहीं। जदयू में दूसरे उम्मीदवार के लिए केसी त्यागी और आरसीपी सिंह में शीतयुद्ध चल रहा है। बनारस में जदयू का कार्यकर्ता सम्मेलन भी दोनों के बीच शक्ति प्रदर्शन था। इसमें ज्यादा सफल कौन रहा, यह नीतीश कुमार ही तय करेंगे। अब तक मिल रहे संकेत के अनुसार, केसी त्यागी को राज्य सभा भेजने की तैयारी है, जबकि आरसीपी सिंह को विधान परिषद के माध्यम से कैबिनेट में शामिल किये जाने की संभावना है।
लालू को मिला वीटो
राजद की दूसरी सीट के लिए आकलन करना भी मुश्किल है। चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को राज्यसभा भेजने की भी है, जिसकी ज्यादा गुंजाईश लगती है। इनके अलावा भी कई नामों के बीच आपसी होड़ भी मची हुई है। वरिष्ठ नेता अपनी-अपनी लॉबिंग कर रहे हैं, लेकिन खुलकर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है। इसी माहौल में लालू यादव को उम्मीदवार चयन के लिए अधिकृत कर दिया गया। राज्य सभा चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा के लिए अब मुश्किल से सप्ताह भर समय बचा है। तब तक इंतजार ही करना पड़ेगा ।