राजद सासंद पप्पू यादव ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा दलित विरोधी हैं। आज पटना में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि करुणानिधि, बंगारू लक्ष्मण, मायावती के साथ जीतनराम मांझी जैसे दलित नेता को भाजपा नेतृत्व पचा नहीं पाता है। यही कारण है कि प्रदेश भाजपा इकाई मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ खड़ी हो गयी है। वह मांझी सरकार पर निराधार आरोप लगाकर जीतनराम मांझी की छवि बदनाम करना चाहती है।
उन्होंने भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी पर भी हमला बोला। सांसद ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और भाजपा के अन्य मंत्रियों के कार्यकाल के कामों व निर्णयों की जांच करायी जाए। भाजपा के पूर्व मंत्रियों के विभागों में व्यापक तौर से भ्रष्टाचार व्याप्त रहा है और इसमें मंत्रियों की संलिप्तपा से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सुशील कुमार मोदी की संपत्ति की जांच भी कराने की मांग की है। ताकि यह पता चले कि इतने कम समय में उन्होंने इतनी संपत्ति से कहां अर्जित की। पप्पू यादव ने कहा कि महागठबंधन के राजनीतिक नेतृत्व को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना होगा। गठबंधन के दोनों नेता राजद के लालू प्रसाद और जदयू के नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। सांसद ने कहा कि भ्रष्टाचार पंचायत से लेकर सचिवालय तक हावी है। इसमें आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। हर विभाग, हर कार्यालय इस महारोग से पीडि़त है।
सांसद ने कहा कि डॉक्टरों को अपनी निर्धारित फीस की लिस्ट क्लिनिकों में टांगनी होगी। इसके साथ ही चिकित्सा के पेशे में कमीशनखोरी पर अंकुश लगाना होगा। उन्होने कहा कि हम एक सांसद के रूप में अपने दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा आग्रह है कि एमडी या एमएस का फीस दो सौ रुपये और एमबीबीएस का फीस 150 रुपये हो। अनुभवी चिकित्सक तीन सौ या चार सौ लेते हैं, तो चल सकता है। सांसद ने आरोप लगाया कि 90 फीसदी डॉक्टर अनावश्यक जांच और दवाएं लिखते हैं, ताकि कमीशन के रूप में उनकी कमाई होती रहे।