महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार महानगरों में महिला सुरक्षा के बारे में व्यापक योजना बनायेगी और पहले आठ महानगरों में इसकी शुरूआत की जायेगी। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस योजना का खाका तैयार करने के लिए नई दिल्ली में गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, विभिन्न शहरों के निगम के आयुक्तों, पुलिस आयुक्तों, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में विचार विमर्श किया।
बैठक में देश में महिला सुरक्षा की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। पहले यह योजना दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरू, लखनऊ और हैदराबाद में शुरू की जायेगी। बैठक में यह तय किया गया कि इन आठ शहरों की पुलिस और निगम महिला सुरक्षा के बारे में एक कार्य योजना तैयार कर गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति को भेजेंगे जो इसके आधार पर सिफारिश करेगी। गृह सचिव ने महिलाओं को पुलिस बलों में 33 फीसदी आरक्षण देने, सीसी टीवी कैमरे लगाने, पुलिस स्टेशनों में महिलाओं की तैनाती, आपात कार्रवाई प्रणाली की स्थिति, सार्वजनिक परिवहन के साधनों में पुलिस निगरानी, साइबर अपराधों पर रोक, ढांचागत सुविधाओं से जुडे मुद्दों, अंधेरे वाली जगहों तथा अपराध की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने जैसे मुद्दों की समीक्षा की।
इसके अलावा हिम्मत ऐप, महिला पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त, दिल्ली पुलिस तथा अन्य पुलिस बलों द्वारा चलाये जा रहे शिष्टाचार तथा भरोसा कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गयी। बैठक में कहा गया कि पुलिस में महिलाओं को भर्ती में 33 फीसदी आरक्षण देने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह भी जानकारी दी गयी कि दिल्ली पुलिस द्वारा हिम्मत ऐप को द्विभाषी बनाये जाने के बाद से एक लाख से भी अधिक महिलाएं इसका इस्तेमाल कर रही हैं।