लालू के गांव फुलवरिया की पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए कहा है कि अब गांव में रहने वाली लड़कियां जींस पैंट नहीं पहनेंगी और वे मोबाइल फोन भी नहीं रखेंगी। प्रखंड के मध्य विद्यालय माणिपुर के परिसर में मुखिया सावित्री देवी एवं बीडीसी सदस्य विद्यावती देवी की अध्यक्षता में महापंचायत बुलाई गई थी। इस पंचायत में आम सहमति से यह फैसला लिया गया कि अब छात्राएं न तो जींस पहनेंगी और न ही वे अपने साथ मोबाइल फोन रखेंगी। यदि कोई छात्रा जींस पहनकर एवं मोबाइल के साथ आती है तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
भास्करडॉटकॉम की खबर के अनुसार, पंचायत अभिभावकों को भी समाजिक रूप से इस निर्णय को मानने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेगी। महापंचायत में मुखिया ने कहा कि समाज मे बढ़ रहे पश्चिमी सभ्यता के प्रचलन को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस पश्चिमी सभ्यता के कारण छात्राओं का पहनावा खराब हो रहा है। इस कारण ही लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही है। पंचायत ने कहा कि अभिभावक अपने घर की छात्राओं पर ध्यान नहीं देंगे तो उन्हें दोषी करार दिया जाएगा। ऐसी छात्राओं को विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही पंचायत से मिलने वाली सुविधा भी उनसे वापस ले ली जाएगी।
लड़कियों के जींस अथवा पैंट पहनने और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ प्रखंड के सिंघा पंचायत ने पिछले 20 दिसंबर को रोक लगा दी थी। प्रखंड विकास पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया था कि सिंघा पंचायत की आमसभा के दौरान यह फैसला मुखिया कृष्णा चौधरी और सरपंच विनय कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से लिया है। सिंघा पंचायत के मुखिया कृष्णा चौधरी ने बताया कि यह प्रतिबंध अगले वर्ष एक जनवरी से लागू होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए दंड का कोई प्रावधान नहीं है। लड़कियों के माता-पिता से आग्रह करके यह प्रथा बंद कराई जाएगी।