असम की महिला आईपीएस संजुक्ता पराशर मुख्य मंत्री और एक नेता के बीच के विवादों के भंवर में घिर गयी हैं.आइए जानते हैं कि संजुक्ता को लेकर मुख्यमंत्री तरुण गगोई इतने परेशान क्यों हैं.
यह विवाद कांग्रेस के पूर्व एमपी किरिप चलिया और मुख्यमंत्री तरुण गगोई के बीच है लेकिन इस विवाद के केंद्र में हैं जोरहट की एसपी और असम की पहली महिला आईपीएस संजुक्ता पराशर. यह विवाद इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री तरुण गगोई ने चलिया के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है.
महिला आयोग ने मामला दर्ज भी कर लिया है. इधर चलिया इस केस से इतने नाराज हुए हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि वह माफी मांगे नहीं तो उनेक खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जायेगा.
क्या है मामला
दर असल चलिया ने एक स्थानीय टीवी डिस्कशन में कहा था कि जोरहट की एसपी संजुक्ता पराशर की मुख्यमंत्री तरुण गगोई से “असामान्य निकटता” राज्य के लिए चिंता की बात है.
कांग्रेस के नेता चलिया के इस बयान के बाद हंगामा मच गया. और इसके बाद इस बयान के अलग-अलग अर्थ निकाले जाने लगे. इससे परेशान तरुण गगोई ने राज्य महिला आयोग को निर्देश दिया कि वह इस “अपमानजनक टिप्पणी” के खिलाफ केस दर्ज करे.
इधर चलिया ने इंडिया टुडे को बताया है कि यह मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के पास मेरे खिलाफ कोई सुबूत नहीं है. उन्होंने मुझे बदनाम करने के लिए मेरे बयान को सेक्सियेस्ट ट्विस्ट दे दिया है.
चलिया का कहना है कि यह संयोग है कि जोरहट की एसपी महिला हैं. और मुख्यमंत्री उनके बयान को महिला सम्मान से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
विवाद का दूसरा पहलू
दर असल 35 वर्षीय संजुक्ता पर पिछले दिनों आरोप लगा था कि उन्होंने कांग्रेस की विधायक रूपज्योति कुरमी के साथ बदसुलूकी की थी. रूपज्योति पर आरोप है कि उन्होंने एक कांस्टेबुल को कथित तौर पर थप्पड़ मारा था.
बताया जाता है कि कुरमी तरुण गगोई के विरोधी धड़े की विधायक है. इसलिए तरुण गगोई उन्हें संजुक्ता से परेशान करवा रहे हैं. यह विवाद इतना बढ़ा कि तरुण गगोई पर दबाव डालने के लिए उनके 35 विधायकों ने इस्तीफा देने की धमकी दे डाली. इधर विरोधी खेमे के नेताओं का कहना है कि डीजीपी ने अपनी जांच के बाद कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुरमी को क्लीन चिट दे दी है इसके बावजूद उन्हें जोरहट की एसपी परेशान कर रही हैं.
पहली और इकलौती आईपीएस
संजुक्ता पराशर एक तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी के रूप में चर्चित हैं. वह न सिर्फ असम की पहली महिला आईपीएस हैं बल्कि अब तक की इकलौती आईपीएस भी हैं. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 85वां रैंक प्राप्त किया था और उनके पास विक्लप था कि वह आईएएस बन सकती थीं लेकिन उन्होंने आईपीएस बनना स्वीकार किया.
संजुक्ता के पिता दुलाल चंद बरुआ सिचाई विभाग में इंजिनियर हैं जबकि मां मीना देवी असम के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. संजुक्ता ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी किया है.संजुक्ता की शादी चिरांग के डेपुटी कमीशनर पुरू गुप्ता से हुई है और उन्हें दो साल का एक बेटा भी है.
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