मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने महादलित आधार वोट को लगातार मजबूत करते जा रहे हैं। इसके लिए वह लगातार अभियान चला रहे हैं। रविवार को पटना के दानापुर में आयोजित महादलित अधिकार सम्मेलन को संबोधन करते हुए उन्होंने महादलितों को महामंत्र दिया- छोड़ो शराब, करो पढ़ाई, इसी में है महादलितों की भलाई। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी मौजूद थे।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महादलितों के विकास के लिए वचनबद्ध है। उनके लिए कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर स्वावलंबन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आज प्रदेश के मुखिया महादलित समाज के हैं। उनके नेतृत्व में दलित व महादलित समाज के विकास की योजनाओं को तीव्र गति से लागू किया जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित श्रम मंत्री दुलालचंद गोस्वामी ने कहा कि सरकार मानव संसाधन को अधिक कौशलपूर्ण और सक्षम बनाने की कोशिश कर रही है।
महादलित अधिकार सम्मेलन में तीन आइएएस अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री के ओएसडी अमृतलाल मीना, आपदा प्रबंध विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी और पटना की प्रमंडलीय आयुक्त विजय लक्ष्मी मौजूद थीं। इनकी उपस्थिति यह बताने के लिए पर्याप्त थी कि सरकार इस सम्मेलन को गंभीरता से ले रही है। जबकि स्पीकर उदय नारायण चौधरी की उपस्थिति बता रही थी कि वह भी अब महादलित राजनीति में अपना हस्तक्षेप बढ़ाना चाहते हैं। वह पहले भी मर्यादाओं को ताकत पर रखते हुए स्पीकर रहते हुए सार्वजनिक मंच से नीतीश जिंदाबाद का नारा लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री पद से नीतीश के इस्तीफे के बाद वह भी सीएम बनने के आस लगाए बैठे थे, लेकिन अंतिम क्षण में नीतीश ने जीतनराम मांझी को अधिक वफादार माना और उत्तराधिकारी बना दिया।