सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की गोलबंदी में सेंधमारी कर दी है। जीतनराम मांझी ने टोला सेवक और विकास मित्रों के भरोसे पटना में 20 अप्रैल को गरीब स्वाभिमान रैली का आयोजन किया था। सीएम नीतीश ने आज अंबेदकर जयंती की पूर्व संध्या पर विकास मित्रों पर डोरे डालने का प्रयास किया।
सीएम ने विकास मित्रों का मानदेय 6000 रुपए से बढ़ा कर 7000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। वे पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित विकास मित्रों के एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि विकास मित्र अब 60 साल तक की उम्र तक कार्य करते रहेंगे। वर्तमान में 18 से 50 वर्षों तक के लोगों का चयन विकास मित्र के रूप में चयन होता है। राज्य के विभिन्न पंचायतों और वार्डों में ये कार्यरत हैं।
नीतीश ने कहा कि मैं ऐसी व्यवस्था करके जाऊंगा कि विकास मित्रों को ना कोई हटा सकेगा और ना ही इनका मानदेय कम कर सकेगा। समय-समय पर मानदेय आगे भी बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि महादलितों के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका पूरा लाभ उन्हें मिले, यह जिम्मेदारी विकास मित्रों की ही है। राज्य में 9875 विकास मित्रों के पद हैं, जिनमें 9460 कार्यरत हैं। महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित हैं। खाली पदों को भरने की कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महादलित समाज में परिवर्तन के दूत हैं विकास मित्र।