बिहार सरकार के मंत्रियों के सगे-संबंधियों के साथ ही उनके बेटे-बेटियों के भी आप्त सचिव और निजी कर्मी के रूप में नियुक्ति का रास्ता साफ करने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर जहां सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा किया है, वहीं इससे होने वाले संकटों के प्रति भी आगाह किया है। श्री मोदी ने श्री कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि सगे सम्बंधी की नियुक्ति पर रोक सम्बंधी प्रावधान को शिथिल करना एवं परिवार की संकीर्ण व्याख्या करना अत्यंत खतरनाक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कार्यों की पारदर्शिता प्रभावित होगी एवं उनमें दखल अन्दाजी बढ़ेगी। साथ ही भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा और इससे बिहार की छवि भी धूमिल होगी। भाजपा नेता ने पत्र में कहा कि बिहार सरकार के मंत्रियों के आप्त सचिव एवं निजी कर्मचारियों की नियुक्ति से सम्बंधित नियमों तथा इनमें निहित भावना से वह (श्री कुमार) भली भांति अवगत हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस नियम का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दामाद एवं अन्य सगे-सम्बंधियों को उनके निजी कर्मी के रूप में गलत नीयत से नियुक्त किया गया जिससे सरकार की सर्वत्र किरकिरी हुई।
श्री मोदी ने श्री कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि सही मायने में वे (श्री कुमार) ही बिहार सरकार के असली कर्ताधर्ता हैं और सभी महत्वपूर्ण सरकारी निर्णय उनकी सहमति से ही लिये जाते हैं। इसलिए अनुरोध है कि मंत्रियों के आप्त सचिव, निजी कर्मी की नियुक्ति सम्बंधी मामले में वह हस्तक्षेप कर परिवार की व्यापक परिभाषा को अपनाने एवं सगे- सम्बंधियों की नियुक्ति पर रोक सम्बंधी प्रावधान को बनाये रखने के लिए नियमों में संशोधन की पहल करें।