एक दलित नेता की हत्या के बाद सड़क जाम कर रहे लोगों ने गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिले पर भारी पत्थराव किया जिसके बाद उन्हें वहां से बचा कर निकाला गया.
मांझी को चोट तो नहीं आयी लेकिन वह बाल बाल बच गये.
गौरतलब है कि लोकजनशक्ति पार्टी के नेता और मुख्या प्रत्याशी माया कुमारी के पति सुदेश पासवान को चुनाव प्रचार के दौरान हत्या कर दी गयी थी. लोग इस हत्या के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इसी बीच मांझी उनसे मिलने पहुंचे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया.
गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने बंद और विरोध प्रदर्शन करते हुए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिले को भी बनना पड़ा।
इस बीच मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि मांझी जी के पहुंचने के पहले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था और कई राउंड हवाई फायरिंग भी की थी. इसी के बाद जीतन राम मांझी का काफिला वहां पहुंचा तो लोगों को लगा कि यह पुलिस का काफिला है इसी संदेह में लोगों ने पत्थराव शुरू कर दिया और काफिले की एक गाड़ी में आग भी लगा दी.
गुस्साए लोगों ने उनके काफिले में साथ चले रहे वाहनों में तोड़फोड़ की और एक गाड़ी को आग लगा दी। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने जीतन राम मांझी को सुरक्षित बचा लिया। बताया जा रहा है मांझी प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए ही जा रहे थे लेकिन आक्रोशित लोगों ने उनके काफिले पर ही हमला कर दिया।