पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जदयू नेता नीतीश कुमार और स्पीकर उदय नारायण चौधरी पर निशाना साधा और कहा कि जदयू के नीतीश विरोधी विधायकों को सदस्यता समाप्त करने की धमकी दी रही थी।
आज पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा है कि भाजपा सिर्फ एक महादलित व्यक्ति के अपमान के खिलाफ उसके साथ खड़ी थी। नीतीश कुमार ने जिस तरह से महादलित को प्रताड़ित और जलील किया, भाजपा ने उसका प्रतिरोध किया है। उन्होंने कहा कि महादलित सीएम जीतन राम मांझी को अपमानित करने में नीतीश कुमार पूरी तरह एक्सपोज हो गए हैं। उनकी नैतिकता और दलित प्रेम का नाटक सबके सामने आ गया है। दरअसल नीतीश कुर्सी के बिना नहीं रह सकते, इसीलिए मांझी को बदनाम कर शासन फिर से पाने की उन्होंने साजिश रची और उनके ही इशारे पर मांझी के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान चलाया है।
मोदी ने कहा कि स्पीकर ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मांझी समर्थक विधायकों को डर दिखाकर नीतीश के पक्ष में माहौल बनाया। उन्हें धमकाया गया कि उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाएगी। विधानसभा से जो आर्डर पेपर जारी किया गया, उसमें मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के बैठने की जगह तक तय नहीं थी। गुप्त मतदान होता तो निश्चित रूप से मांझी विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देते। बीती रात से सुबह तक कई विधायकों ने उन्हें फोन करके यह जानकारी दी कि गुप्त मतदान हो तो वे मांझी के साथ खड़े होंगे। नहीं तो सदस्यता खत्म हो जाएगी। स्पीकर पहले असंवैधानिक रुप से जदयू विधायकों की सदस्यता खत्म कर चुके हैं। हालांकि मोदी ने पूरे प्रकरण को जदयू का अंदरुनी विवाद करार दिया और कहा कि पूरे घटनाक्रम में भाजपा कहीं नहीं है। पत्रकार वार्ता में विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय भी मौजूद थे।
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