पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने लोजपा-रालोसपा और हम के विलय की चर्चा से इनकार नहीं किया है। अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि बिहार में एनडीए के चारों घटक दल भाजपा-लोजपा-रालोसपा-हम के तालमेल से काम होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है। भाजपा बड़ी पार्टी है और एनडीए में गार्जियन के रूप में है। हमलोग मिलकर समझायेंगे कि हर मुद्दे पर चारो दलों की एक राय हो और आंदोलन भी एक साथ हो। भाजपा के साथ बात नहीं बनेगी तो हमारे पास विकल्प के द्वार खुले हैं।
जीतनराम मांझी की पीसी
जीतन राम मांझी ने कहा कि भाजपा अगर हमारी भावनाओं को नहीं समझती है तो हम (लोजपा-रालोसपा-हम) एक बैनर के तले आ सकते हैं। राजनीति संभावनाओं का खेल है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। मांझी ने आरक्षण के मामले में कहा कि राज्य सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन खत्म करने जा रही है जो ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में नागराज मामले में यह निर्णय आया था, उसके अनुसार कार्य करना चाहिए। राजस्थान और मध्यप्रदेश ने नागराज मामले के आधार पर प्रमोशन में आरक्षण लागू रखेंगे। बिहार सरकार आरक्षण विरोधी और दलित विरोधी है। मांझी ने कहा कि शराबबंदी का कदम सराहनीय है लेकिन सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा। इस मामले में सरकार दोहरी नीति अपना रही है।
उधर भाजपा ने कहा कि एनडीए में कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि पार्टी अपने सहयोगियों के साथ पूरा तालमेल से काम कर रही है। भाजपा नेता सुशील मोदी ने हम, रालोसपा और भाजपा के विलय का स्वागत किया है।