पटना में जीतन मांझी सोमवार को जब गरीबों के स्वाभिमान के हक में गरजे तो दो पूर्व नौकरशाहों के चेहरे सामने थे. एक पूर्व आईएएस एमए इब्राहिमी और दूसरे आरसीपी सिंह.
नौकरशाही डेस्क
मांझी ने पूर्व आईएएस आरसीपी सिंह पर जोरदार हमला किया तो ठीक उसी क्षण दूसरे पूर्व आईएएस एमए इब्राहिमी को गले लगाया. एमए इब्राहिमी रिटायरमेंट के बाद पहली बार किसी राजनीतिक मंच पर दिखे. आम तौर कोर्ट और टाई में दिखने वाले एमए इब्राहिमी बंडी और कुर्ता में खुद को पेश कर यह संदेश दिया कि अब उनका अगला ठिकाना राजनीति ही है. मजबूत जिम्मेदारियों के संग इब्राहिमी मांझी के थिंक टैंक हो सकते हैं. इब्राहिमी बिहार कैडर के 1978 बैच के आईएएस हैं और बिहार सरकार के अनेक निर्णायक पदों पर काम कर चुके हैं.
भ्रष्टाचार के खिलाफ
मांझी के सहयोगी वृशिण पटेल ने बार-बार इब्राहिमी का नाम ले कर मुस्लिम समाज को प्रभावित करने की कोशिश की तो मांझी ने नीतीश के सहयोगी पूर्व आईएएस आरसीपी सिंह को भ्रष्ट नौकरशाह बताते हुए कहा कि नौकरी में भ्रष्टाचार के कारण फंसने से बचने के लिए वह राजनीति में भाग आये. और अब नीतीश के इशारों पर नेताओं को हांकने में लगे हैं. मांझी ने ये बातें आरसीपी का नाम लिये बिना कहा. गोया वह इशारा कर रहे हों कि नीतीश के पास पूर्व नौकरशाह का अनुभवी हाथ है तो उन्होंने ने भी एक नौकरशाह को अपनी टीम में जगह दे कर रणनीति बना ली है. गौरतलब है कि इब्राहिमी ने हाल ही में नौकरशाही के भ्रष्टाचार पर एक पुस्तक लिखी है जिसका विमोचन जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था.
मंच पर मंद मंद मुस्काते इब्रहिमी ने नौकरशाही डॉट इन को बताया कि वह अब राजनीतिक पारी के लिए तैयार हैं. फिलहाल नौकरशाही के लूप होल पर वह काम कर रहे हैं ताकि मांझी की राजनीति की धार तेज कर सकें. इब्राहिमी एक सवाल के जवाब में कहते हैं कि चुनाव लड़ने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है लेकिन यह तय है कि नौकरशाही के भ्रष्टाचार को राजनीतिक एजेंडा बनाना उनकी रणनीति का हिस्सा होगा.
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