एक अर्से बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मंच साझा किया पर क्या कारण था कि नीतीश गुमसुम और तनावग्रस्त दिखे जबकि मांझी आत्मविश्वास से भरे?
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो
आज काफी दिनों बाद मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साझा मंच पर दिखे। मौका था विधानसभा उपचुनाव में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह। दस में से नौ विधायकों ने शपथ ली, लेकिन मोहिउद्दीनगर से निर्वाचित अजय कुमार बुलगानिन समय पर नहीं पहुंच सके। इस कारण वह शपथ नहीं ले सके। इस शपथग्रहण समारोह में नीतीश कुमार मुख्य आकर्षण थे, जबकि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की मुस्कान और आत्मविश्वास सबको भा रहा था।
विधानसभा के एनेक्सी सभागार में आयोजित समारोह में दस बजे से ही लोग पहुंचने लगे थे। मंत्री व विधायक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। लेकिन मंच खाली था। हालांकि नाम की पट्टी लगी हुई थी। मंच के बगल में नवनिर्वाचित विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी। वहां भी विधायक लोग निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। करीब 10.35 में मुख्य अतिथि पहुंचे। इसमें मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, स्पीकर उदय नारायण चौधरी, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा के उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह मंच पर आसीन हुए।
इसके बाद अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने शपथग्रहण की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश सभा सचिव को दिया। बारी-बारी से विधायक शपथग्रहण कर रहे थे। माईक की खराबी के कारण कुछ दिक्कत भी आयी। इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री काफी प्रसन्न मुद्रा में थे और विधायकों का स्वागत भी कर रहे थे, जबकि नीतीश कुमार उदास नजर आ रहे थे। चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था। कार्यक्रम के समापन के बाद सीधे वह उपभवन में बने मुख्यमंत्री के कक्ष में गए। वहां जीतनराम मांझी, उदय नारायण चौधरी, अवधेश नारायण सिंह के अलावा कई मंत्री व वरीय नेता मौजूद थे। वहां भी नीतीश कुमार चुप्पी साधे रहे। वहां से नाश्ता व चाय के बाद वह सीधे उपसभा भवन से बाहर निकल कर विधानपरिषद के अपने कक्ष में पहुंचे और जहां एक समिति की बैठक में जुट गए। इधर मीडिया से घीरे मांझी आक्रमण तेवर में प्रशनों का जवाब देने में व्यस्त थे।
शपथ लेने वालों में नरकटियागंज की रश्मि वर्मा, जयनगर के रामावतार पासवान, जाले के ऋषि मिश्रा, छपरा के रणधीर सिंह, हाजीपुर के अवधेश सिंह, परबत्ता के आरएन सिंह, भागलपुर के अजीत शर्मा, बांका के रामनारायण मंडल व मोहनियां के निरंजन राम शामिल थे।