बिहार सरकार की उपलब्धियों का आकलन होता है- न्याय के साथ विकास। हर वर्षगांठ पर नंवबर महीने के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों का लेखाजोखा जनता के समक्ष प्रस्तुत करती है। इसे सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी कहा जाता है। इसमें विभाग की वर्ष भर उपलब्धियों के साथ मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण भाषणों का संकलन भी होता है।
वीरेंद्र यादव
वार्षिक रिपोर्ट कार्ड की तैयारी में पूरा प्रशासनिक तंत्र जुटा हुआ है। इसको तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री सचिवालय की होती है। सीएम का आवासीय कार्यालय निर्णायक स्थिति में होता है। अभी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद हैं। उन्हें हाल ही में स्वास्थ्य विभाग से हटाकर पूर्णकालिक जिम्मेवारी सीएम के प्रधान सचिव के रूप में सौंप दी गयी है। इसमें प्रशासनिक रूप से सामान्य प्रशासन विभाग और पुलिस प्रशासन के रूप में गृह मंत्रालय की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री के पिछले जनता दरबार में सीएम के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद के साथ सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डीएस गंगवार और गृह सचिव अमीर सुबहानी एक साथ रिपोर्ट कार्ड पर मंथन करते दिखे। आधिकारिक सूत्रों की माने तो इस बार मांझी सरकार का नारा पिछली नीतीश सरकार से अलग होगा। अब तक नारा था- न्याय के साथ विकास। इस बार का नारा हो सकता है- सम्मान के साथ विकास। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जिस तरह से मान-सम्मान की बात करते रहते हैं, उसका असर इस बार के रिपोर्ट कार्ड में दिख सकता है। हालांकि अभी इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर मंथन चल रहा है।
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