आज मांझी सरकार गिर गयी. इसका सबसे व्यापक असर जमुई पर पड़ेगा. माना जा रहा है कि जिले में सभी महत्वपूर्ण पदों पर काबिज सवर्ण अफसरों का सफाया हो जायेगा!
मुकेश कुमार, जमुई से
ठीक उसी तरह का माहौल आज यहाँ नौकरशाही डॉट इन के संवाददाता को देखने को मिल रहा है। आमजन सहित जिला प्रशासन अभी तक सकते में है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौन होंगा? क्या कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह और उनके विधायक पुत्र मांझी सरकार की डूबती नैया को बचा पायेंगे! यदि नीतीश कुमार सत्ता में आये तो क्या जिले में पदस्थापित सवर्ण जाति के तमाम पदाधिकारी की कुर्सी सलामत रह पायेगी ?
गौरतलब है की जमुई में जिला पदाधिकारी,सिविल एस.डी.ओ. आरक्षी अधीक्षक, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, निबंधक आदि अहम् पदों पर ब्राह्मण और सभी राजपूत जाति के पदाधिकारी काबिज है।क्या ये अपनी कुर्सी बचा पायेंगे? जमुई में किसका सिक्का चलेगा यह आज सूबे में छिड़े सत्ता संग्राम की लड़ाई का फाइनल टेस्ट मैच से उजागर हो जायेगा।
आज यानी 20 फरवरी को सरकार के भाग्य का फैसला होने के दूसरे दिन यानी 21 फरवरी को जिला स्थापना दिवस और सूबे के कृषिमंत्री व मांझी सरकार के सिपहसालार नरेंद्र सिंह के पिता समाजवादी नेता व पुर्व मंत्री स्वर्गीय श्री कृष्णा सिंह की जयंती समारोह का आयोजन होना है। जो पिछले वर्ष भी धूम-धाम की तैयारी होने के बाद भी फीकी रही ।क्योंकि इस आयोजन समारोह के दिन ही कोशी स्नातक चुनाव के कारण आचार संहिता की तलवार उसी दिन लटक गई थी और कार्यक्रम में मौजूद कृषिमंत्री और उनके विधायक पुत्र समारोह को संबोधित नहीं कर पाये थे।