बिहार सरकार ने पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए बहुत बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है. इससे उन हजारों छात्रों के सपने को पंख लग जायेंगे जो इंजीनियर या डाक्टर बनने की चाहत रखते हैं.
जीतन राम मांझी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए अब राज्य से बाहर इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई करने वाले पिछड़े वर्ग के छात्रों की फीस खुद अदा करने का फैसला किया है.
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राज्य कैबिनेट के इस फैसले के तहत पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के छात्र जो राज्य से बाहर रह कर इंजीनियरिंग, मेडिकल या प्रबंधन आदि की पढ़ाई कर रहे हैं उनके नामांकन शुल्क के साथ बाकी अन्य शुल्क भी सरकार खुद वहन करेगी.
इसके लिए राज्य कैबिनेट ने 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इसका लाभ राज्य से बाहर इंजीनियरिंग, मेडिकल या प्रबंधन की पढ़ाई करने वाले पिछड़ी व अतिपिछड़ी जातियों के छात्रों को मिल सकेगा.
इस से पहले राज्य सरकार ने मैट्रिक सेकंड डिविजन से पास करने वाली बच्चियों और पिछड़ी जाति के छात्रों को भी 10 हजार रुपये देने की घोषणा की थी. इसी तरह 12 की परीक्षा में फर्स्ट डिविजन करने वाले छात्र/छात्राओं को अब 10 हजार के बदले 25 हजार रुपये वजीफा दिये जायेंगे.
इतना ही नहीं राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अल्पसंख्यकों और महिलाओं को भी मैट्रिक सेकंड डिविजन से पास करने पर वजीफा देने की घोषणा की थी.
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